________________ यभासन मासन गर्भासन गर्भासन विधि .. . .. पद्मासन में बैठकर हाथों को पिण्डलियों और जाँघों के बीच इतना अन्दर डालिए कि कहनियाँ पिण्डलियों में से आसानी से ऊपर मोड़ी जा सकें। हाथों को ऊपर की ओर मोड़िये और कानों को पकड़िये तथा सारे शरीर को नितम्बों पर साधिये / - आराम से जब तक सम्भव हो, इसी स्थिति में रुकिये। अब पैरों को नीचे कर लीजिये और हाथों को बाहर निकाल लीजिये। श्वास कानों को हाथों से पकड़ते समय श्वास बाहर छोड़िये / अंतिम स्थिति में साधारण रूप से श्वास लीजिये। एकाग्रता शरीर को ठीक तरह से साधने पर या श्वास-प्रक्रिया पर | लाम .. यह आसन उत्तेजित, उद्विग्न, क्रोधित या असन्तुष्ट मस्तिष्क को शान्त करता है। यह स्नायु-दौर्बल्यता को भी दूर करता है। अपने आप पर काबू न पा सकने वाले स्वभाव के व्यक्तियों को इस आसन का अभ्यास दिन में जितनी बार भी सम्भव हो सके, करना चाहिए / यह पाचन-क्रिया को उत्तेजित करता है तथा भूख को बढ़ाता है। यह शरीर को साधने (संतुलन) का आसन है। 139