________________ . इसे सर्वांगासन व हलासन के बाद करना चाहिए। वैकल्पिक आसन इस आसन के स्थान पर सुप्त वज्रासन भी किया जा सकता है। लाभ उदर सम्बन्धी सभी प्रकार की बीमारियों के लिए बहुत उपयोगी है। . कोष्ठबद्धता तथा पीठ में जमे रक्त के संचारण में मदद करता है। 132