________________ स्थिति 3 . स्थिति 3: पादहस्तासन विधि सामने की ओर झुकते जाइये जब तक कि अंगुलियाँ या हाथ जमीन को पैरों के सामने तथा बगल में स्पर्श न कर लें। मस्तक को घुटने से स्पर्श कराने की कोशिश कीजिये / जोर न लगायें / पैरों को सीधे रखिये / श्वास सामने की ओर झुकते समय श्वास छोड़िये / अधिक से अधिक साँस बाहर निकालने के लिए अन्तिम स्थिति में आमाशय को सिकोड़िये। एकाग्रता स्वाधिष्ठान चक्र पर। मंत्र ॐ सूर्याय नमः लाभ पेट व आमाशय के दोषों को रोकता तथा नष्ट करता है / आमाशय प्रदेश की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है। कब्ज को हटाने में सहायक है। रीढ़ को लचीला बनाता एवं रक्त - संचार में तेजी लाता है। रीढ़ के स्नायुओं के दबाव को सामान्य बनाता है। .. . 116