________________ उत्तान आसन - - प्रारम्भिक अवस्था अन्तिम अवस्था उत्तान आसन विधि पैरों के मध्य 2-3 फुट का फोसला लेकर खड़े हो जाइये। अंगुलियों को आपस में फँसाकर भुजाओं को ढीला छोड़ दीजिये। धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए धड़ को लगभग 8 इंच नीचे ले जाइये / सीधी स्थिति में आ जाइये। इसी प्रकार तीन बार कीजिये और हर बार कुछ अधिक नीचे जाइये / चौथी और अंतिम स्थिति में हाथ फर्श से थोड़े ऊपर रहें। श्वास ... ऊपर आते समय श्वास लीजिये व नीचे जाते समय श्वास छोड़िये। . समय अधिक से अधिक 10 बार अभ्यास कीजिये। लाभ जाँघों, घुटनों, टखनों व गर्भाशय की मांसपेशियों को शक्ति प्रदान करता है / गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभप्रद है। 106