________________ तिर्यक् ताड़ासन तिर्यक् ताड़ासन तिर्यक ताड़ासन : ताड़ासन (पहला प्रकार) में खड़े हो जाइये / . पैरों की अंगुलियों पर उठकर शरीर को पहले दायीं तथा फिर बायीं ओर झुकाइये / झुकने की गति कमर से होनी चाहिए / प्रत्येक ओर 10-10 - बार झुकिये और फ़िर एड़ी व तलवों पर खड़े हो जाइये / टिप्पणी .. पैरों की अंगुलियों पर संतुलन बनाये रखना कुछ लोगों को कठिन लगेगा। उन्हें चाहिए कि जब तक संतुलन का अभ्यास ठीक न हो जाये पंजों के बल खड़े होकर ही इस आसन का अभ्यास करें। फिर भी जब कभी भी वे इस आसन को लगायें, प्रारम्भ में पैर की अंगलियों पर शरीर के भार को संतुलित करने का अभ्यास कुछ सेकेण्ड अवश्य कर लिया करें ताकि धीरे-धीरे संतुलन का अभ्यास पक्का होता जाये / शंख प्रक्षालन में किये जाने वाले आसनों में यह दूसरा आसन है। अन्य विवरण ताड़ासन के पहले प्रकार जैसा ही है। 103