________________ 54] सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरणे ___"इय"त्ति दरिसियकमेण पढमेहिं अणवट्ठियपल्लेहिं एक्केकाए सलागाए सलागपल्लं भरसु, बीएहिं सलागपल्लेहिं एक्केक्काए सलागाए पडिसलागपल्लं भरसु, तइएहिं पडिसलागापल्लेहिं एक्केक्काए सलागाए महासलागापल्लं भरसु, भरणं तिण्हं पल्लाणं उद्धरणं देवेण वामकरधरणलक्खणं विकिरणं दीवसमुद्देसु पुरओ निक्खिवणं ताव कज्जं जाव कमेण चत्तारि वि पुण्णा / / 134 // पढमतिपल्लुद्धरिया दीवुदहीपल्लचउसरिसवा य / सव्वो वि एस रासी रूवूणो परमसंखेज्जं // 135 // पढमेहिं तिहिं पल्लेहिं दीवसमुद्देसु जे पक्खित्ता सरिसवा ते उद्धरिया / "चउपल्लसरिसवा य सव्वो वि एस रासी रूवूणो परमसखेज्जो"त्ति सव्यो सरिसवनिचओ रूवूणो परमं उपमासंखेज्जयं जिसव्वुक्कोसं हवइ // 135|| / इय तिविहं संखेज्ज असंखय'मिओ उ जेट्ठसंखेज्ज / रूवजुयं संजायइ जहण्णयपरित्तयासंखं // 136 // इय=एवं भणियपयारेण तिविहमवि-जहन्नं मज्झिमं उक्कोसं संखेज्जं भणियं / इओ य तं पुण जेट्ठसंखेज्जयं अणंतरमेव दंसियं रूवेण जुयं संजायइ, किं.१ जहण्णयपरित्तासंख= जहन्नगं परित्तयनामं असंखेज्जं // 136 / / तं विवरिय एक्केरके ठाणे ठावेसु तत्तियं रासिं / अन्नोन्नब्भासे ताण होइ चउत्थं असंखिज्जं // 137 // जावइया सरिसवा तावइया पत्तेयं 2, रासीओ ठविज्जंति / ताओ कप्पणाए दसदससरिसवाओ दस रासीओ कीरंति / तओ अण्णुण्णब्भासे ताण होइ कोडीसहस्सं तु 10000000000 / 137|| तं पुण जहन्नजुत्तं आलियाए वि तत्तिया समया / एयकमा बितिचउपंचमे य अन्नोन्नअब्भासे // 138 // . "तं पुण" ति चउत्थं असंखेज "जहन्नं जुत्तं"ति जहन्नं जुत्तासंखेज्जगं होइ / तहा पत्थावाओ अयं संखापमाणं अन्नं किं पि दंसेइ-जावइया जहन्नजुत्तासंखेज्जगे सरिसवा आवलियाए वि तत्तियपमाणा समया लभंति / “एयकम"त्ति एएण कमेण जहन्नपरित्तासंखेज्जगदरिसियअन्नोन्नब्भासेण नेयव्वा बीए तइयचउत्थे च पंचमे य / कम्मि? . 1 "मओ उ जिट्ठ०" इत्यपि / 2 “अण्णुण्ण०" इत्यपि / 3 "एत्तिया” इत्यति /