________________ जघन्यस्थितिबन्धाबाधाप्रमाणं क्षुल्लामवादिप्रमाणश्च इयाणिं ठिइबंधो जहन्नओ जस्स अबाहाकालो जो होइ तं दंसेइभिन्नमुहुत्तमबाहा सव्वामि सबहिं डहरबंधे / आउसु जे? वि जओ संखेपद्धा भवइ तेसु // 77 // 'भिन्नमुहत्त' ति अंतोमुहत्तं अबाहा अणदओ सव्वासिं=मूलुत्तरपगईणं 'सव्वहिं' ति सव्वेसु जीवट्ठाणाईसु "डहरबंधे"त्ति जहन्नवंधे पुव्वभणिए / आउए पुण अवाहाह "आउसु जेष्टि"त्ति आऊणं जेठे वि=उक्कोसे वि ठिइवंधे अंतोमुहत्तं कम्हा ? जओ "असंखेप्पि" त्ति असंखेप्पा संकोचिउमशक्या अद्धा कालो भवइ तेसु-आऊसु / तहाहि-इह परभवियाउस्स बंधो इहभवाउयतिभागे तदभावे सेसस्स तिभाए एवं तिभागा तिभागा कप्पणाए जाव अंतो तिभागो सो य असंखेप्पद्धा भन्नइ / / 77 // तिरियमणुयाणं ठिइबंधो जहन्नो खुड्डुभवप्पमाणो भणिओ / अओ इयाणि खुड्डभवं पन्नवेइ खुड्डभवा साहीया सत्तरस भवंति एगपाणुम्मि / पाणू एगमुहुत्ते तिसत्तरीसत्ततीससया // 7 // खुड्डभवा-खुड्डागभवलक्खणा, सत्तरससंखा समनिया किंचित्, साहिया चउणवइआवलिएहिं किंचि अहिएहिं, कत्थ 1, “एगपाणुम्मि" त्ति एगे ऊसासनिसासे / तहा "पाण" त्ति ऊसासनिसासा एकम्मि मुहुत्ते दुघडियपमाणे "तिसत्तरि" ति तिसत्तरीए अहियाणि सत्ततीसं सयाणि भवंति // 78|| संपयं मुहुत्ते खुड्डभवप्पमाणमाह-- पणसट्ठिसहसपणसय छत्तीसा इगमुहुत्तखुड्डभवा / दो य सया छप्पन्ना आवलियाणेगखुड्डभवे // 79 // एगम्मि मुहुत्ते पणसद्विसहस्सा पंचसया छत्तीसा य खुड्डभवा होति / तहा दो य सयाछप्पन्ना आवलियाणं एकस्मिन् खुड्डभवे होति / __ इयाणि जहा एगम्मि पाणुम्मि सत्तरस खुड्डभवा साहिया होंति, तहा कहिज्जइ-इह कहियस्स एयस्स 65536 मुहुत्ते ठियखुल्लगभवगहणरासिस्स सत्ततीसाए सएहिं तिहत्तरेहिं ऊसासाणं भागो हीरइ / तत्थ लब्भहिं सत्तरसखुड्डभवा / सेसं उव्वरियं तेरस सया पंचाणउया अंसाणं / इह अयं भावत्यो-जेसि अंसाण तिहिं सहस्सेहिं सत्तहिं सएहिं तिहत्तरीए य खुड्डगभवग्गहणं होइ ते एए अंसा / तत्र स्थापना 17333 | तओ एए अंसा दोहिं सएहिं छप्पन्नेहिं खुड्डभवप्पमाणेहिं आवलियाणं गुणिय आवलियाओ कीरंति / 357120 / मुहुत्तऊसासेहिं भागो