________________ जघन्यस्थितिबन्धप्रमाणम् [27 मिच्छत्तठिईए भागे हरिए, लद्धा दोन्नि सागरसत्तभागा : / एसो य मिच्छत्तठिईभागलद्धो ठीबंधो एगिदियाणं भणिओ उक्कोसो, जहन्नगो पलिओवमस्स असं खेजइभागेण ऊणगो, 133 सन्निस्स . उक्कोसो जहन्नो, एगिदियस्स उक्कोसजहन्नो भणिओ' // 73 / / इयाणि तेवीसाए भणियसेसाए तहा विगलिंदियअसन्निपज्जवसाणाणं जेण कम्मेण उक्कोसो जहन्नओ य होइ तं दंसेइ एसेगिंदियजिट्ठो पलियाऽसंखंमहीण लहुबंधो / पणुवीसा पन्नामा सयं सहस्सं च गुणकारो // 74 // कमसो विगलअसन्त्रीण पल्लसंखंसऊणओ डहरो। ' सुरनरयाउ समा दस सहस्स सेसाउ खुड्डभवं // 75 // तहा "एसो"त्ति उवलक्षणं / जओ जासिं पुव्वं खवगमासज्ज “दसणचउविग्यावरण" इच्चाइ बावीसं पयडी भणियाओ. तासिं एगिदियाणं पि मिच्छत्तठिईए भागे हरिए जं लब्भइ, सो उक्कोसजहन्नो ठिइबंधो हवइ / तत्थ देसणचउक्स्स उक्कोसो ठिइबंधो तीसं कोडाकोडीओ मिच्छत्तठिईए भागे हरिए लद्वा तिन्नि सागरसत्तभागा / अंतरायनाणावरणाणं पुण तीसं कोडाकोडीओ तेसिं मिच्छत्तठिईए भागे हरिए लद्धा तिनि सागरसत्तभागा / संजलनचउक्कस्स पुव्वुत्ता चत्तारि भागा कसायदारेण पुरिसवेयजसकित्तिउच्चगोयाणं दसकोडाकोडीओ उक्कोसठिईबंधो, तस्स भागे हरिए लद्धो एगो सत्तभागो सायरस्स पन्नरसकोडाकोडीओ, तीसे भागे हरिए लद्धो एगो सत्तभागो. जहिं वीसहिं भागेहि सागरसत्तभागो होइ, ते दस भागा / / .तहा एसो चेव एगिदियजेट्टो ठिइबंधो, पणुवीसाए पन्नासाए सएण सहस्सेण गुणिओ कमसो परिवाडीए बेइंदियतेइंदियचउरिदियअसन्नीणं उक्कोसो ठिइबंधो हवइ / तत्थ पणुवीसाए गुणिओ बेइंदियाणं; तत्थ जे चत्तारि सागरसत्तभागा, ते पंचवीसाए गुणिया जायं सयं सागरसत्तभागाणं 100; तओ सत्तहिं भागे हरिए लद्धाणि चउदस सागरोवमाणि दो सत्तभागा 143 / जत्थ पुण तिन्नि, तत्थ पंचवीसाए गुणिया जाया पंचहत्तरी 75, तओ सत्तहिं भागे हरिए लद्धाणि दस सागरोवमाणि पंच सागरसत्तभागा .." / जत्थ सत्त सत्तभागा, ते वि पणवीसाए गुणिया जायं पंचहत्तरं सयंः तओ भागे हरिए जायाणि पंचवीसं सागरोवमाणि 25 / तहा सत्तदसण्हं पयडीणं जो सागरसत्तभागो सो पणुवीसाए गुणिओ जाया पणवीसं 25 तओ सत्तहि भागे हरिए लद्धाणि तिन्नि सागरोवमाणि चत्तारि सत्तभागा 3 / जत्थ पुण एगो सत्तभागो चत्तारि सागरसत्तभागस्स वीसभागा संतिः तत्थ ताव एगो भागो पणुवीसाए गुणिय सत्तहिं 1 मूलप्रकृतिमाश्रित्य /