________________ उत्तरप्रकृतीनां शुमाशुभत्व-परावर्तमाना-ऽपरावर्तमानत्वादिकथनम् [17 नाणंतरायदंसणचउक्कपरघायतित्थउस्सास / नामधुवबंधिनवमिच्छभयदुगुच्छा अपरियत्ता // 47 // नाणावरणपणगं, अंतरायपणगं, दंसणावरणचउक्क, परघायं, तित्थयरनामं, उस्सासं नाम, धुवबंधिणीओ य नवसंखाओ, ता इमा-वण्णचउतेयकम्मागुरुलहुनिमिणोवघाया य, मिच्छत्तं, भयं, दुगुच्छा य / एयाओ अपरियत्तमाणीओ अउणतीसं / परियत्तमाणीओ पुण इमाओ"गइ४ जाइतितणुश्वंगा३ संघयणागीइविहगरअणुपुत्वी४।तसथावराइवीसं आउचऊ सायमस्सायं // 1 // सोलसकसायनवनोमयकुच्छविणा उनिहपणगं च। उज्जोआयवनीउच्च होंति परियत्तइगनउई।॥२॥"॥४७॥ अह च ओहविवागा पयडीओ दंसेइ गाहादुगेणसंठाणा * संघयणा सरीरुवंगाणि आयवुजोया / नामधुवोदय . साहारणियरउवधायपरघाया // 48 // उदइयभावा पोग्गलविवागिणो आउभवविवागीणि / खेत्तविवागणुघुवी जीवविवागीओ सेसाओ // 49 // संठाणछक्क', संघयणछक्क', सरीरतिगं, अंगोवंगतिगं, आयवं, उज्जोयं, नामधुवोदया य, ता उ इमाओ-निम्मेणथिराथिरतेयकम्मवण्णाइचउअगुरुलहुसुहमसुहं 12, साहारणं, पत्तेयं, उवधायं, परघायं च, एयाओ छत्तीसं / "उदइयभावा" उदओ-विवागो तओ उदओ जस्स अत्थि सो उदइओ, उदइओ भावो जासिं ताओ उदइयभावाओ। तहा एयाओ चेव पोग्गल'विवागिणीओ बुच्चंति / आऊणि पुण चत्तारि भवविवागीणि भन्नति / आणुपुव्वीओ चत्तारि खेत्तविवागिणीओ वुच्चंति / सेसाओ सव्वाओ वि जीवविवागिणीओ होति / ता इमा"चउगइ४विहदुगरजाई५ तसतिग३उस्साससुभग४दुभगचउ 4 / थावरसुहुमअपज्जनीउतचं सायमस्सायं // 1 // तित्थं सम्मं मीसं पणयालीसं च घायायडीओ / इय अठ्ठत्तरिपयडी जीवविवागा मुणेयव्वा // 2 // " जा वि पोग्गलाइविवागिणीओ ता वि जीवविवागिणी चेव / परं पोग्गलाण संजोगेण विवागं देंति, अओ पोग्गलविवागत्ताइनामेण भणियाउ त्ति न दोसो | पोग्गलविवागाइसद्दत्थो दारगाहाए सचिओ // 48-49 / / इयाणि उदयभावाहिगारादेव सव्वे भावे परूवेइभावा छचोवसमिय 1 खइय 2 खओवसम 3 उदय 4 परिणामा 5 / दु 1 नव 2 ऽट्ठारि 3 गवीसा 4 तिग 5 भेया सन्निवाओ य // 50 //