________________ [. .. गतिमार्गणाचतुष्के नाम्नः सत्तास्थानमङ्गा बन्धोदयसत्तास्थानसंवेधश्च चालीससंतठाणा चंधे बंधे य होति पत्तेयं / दुनिसय संतभेया अट्ठावीसम्मि पुण एए // (547) अट्ठावीसे बंधे उदयट्ठाणा उ अट्ठ पुव्वुत्ता / इह कम्मभोगभूमियवेउव्वियतिरियमासज्ज // (548) दो दो संतवाणा अट्ठसु उदएसु होति पत्तेयं / नवरं दोअंतिल्लिसु छलसी अट्ठार सव्वेवि // (546) - मणुयगइसंवेहमाहमणुउदया पुण सत्त उ उदए उदए य चउर संताउ / चाणवई अट्टानी छलसी तहऽसीइ तुरिया उ // (550) नवरं दो वेउव्विय दो दो पढमाउ संतभेया उ / चाणउई अट्ठासी पणवीसे तह य सगवीसे // (551) संवेहो बंधेसु बंधे बंधे य सत्त सव्वुदया / चउवीस संतठाणा पंचसु बंधेसु पत्तेयं // (552) पढमतिगबंधु मिच्छे उणतीसा तीस सम्म तह मिच्छे / सव्वेसु संतठाणा चउवीसे पंच गुणिया उ // (553) तित्थयरसंतियाणं तिणवइ उणनवइ दुन्नि उदएसु / उणतीस बंधठाणे सत्तसु उदएसु पत्तेयं // (554) अट्ठावीसे बंधे सत्तसु उदएसु संतसोलसगं / तीसे तह इगतीसे बाणउई तह य तेणउई // (555) जसकित्तिबंध अट्ठ उ उवरयवंधगि तीस पुव्वुत्ता / नउयसयसंतसंखा मणुयगई नामसंवेहो.. // (556) (देवगइसंवेहमाह-) देवगई संवेहो बंधे बंधे य सव्वुदयठाणा / पाणउई अट्ठासी दो दो संता उ उदएK. // (557) तित्थयरसंतिया जे मणुयगईजोग्गतीस बंधता / तेणउई उणनवई छसुवि उदएसु पत्तेयं / // (558) तेणवइसंतकम्मं पलियासंखंसआउवोलीणे / न घडइ देवगईए आहारचउक्क उव्वलइ // (556) केसिंचि मए एवं आहारुव्वलिय सचरमखंडस्स / संता अहिया विहु तेणवई तेण बहुकालं // (560)