________________ 76 ] उवणा सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे तिरियगई छन्बन्धा तेवीसाई य तीसपज्जंता / भंगा इह मिच्छसमा मणुगइ अYव ओघुत्ता // (528) बंधट्टाणा- 23 / 25 | 26 / 28 29 30 31 / 1 (सव्वे) तिरियबंधठाणभंः | 4 | 25 | 16 | 6 |2404632) * * (13626) मणुयबंधठाणभंः | 4 | 25 16 162484633| 1 | 1 (13637) पणवीसा छव्वीसा उणतीसा तीस चउर सुरबंधा / आइदुगिगिदिवायरइयरे मणुतिरियपाउग्गा // (526) पणवीसे अड भंगा छव्वीसे दुगुण आयवुज्जोए / वायरएगिदिंगया दोसु य नरयव्व उट्ठति // (530) | बंधट्ठाणा - 25 | 26 / 2 / 3. | सव्वे] / तिरियजोग्गभं. 8 | 16 | 4608 | 4608 (6240) ठवणा मणुयजोग्गर्भ. . . 46088 (4616) | (13856) दोलक्कटचउक्कं ति गयं / / (इति नरकादिगतिचतुष्के नाम्नो बन्धस्थानानि) इगवीसा पणवीसा सगवीसा अट्ठवीस उणतीसा / नेरहय पंच उदया एक्केको भंगमेएसु / / / (531) , | उदयठाणा- 21 | 25 | 27 28 29 ठवणा पण उदया एगिदिसु विगले सगले य छच्च पत्तेयं / सामन्नतिरि विउव्विय देवुदया पंच न य पढमी // (532) वायाला छावट्ठी इगविगले निययनिययउदएसु / सगलेसु छच्चुदया उणपन्न छलुत्तरा पिंडे // (533) छप्पन तिरिविउव्विसु पिंडे पणसहससयरिजुयउदया / तिरियगइ सव्वभंगा ठावणसित्तं तु जंतइयं // (534)