________________ .. सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे . पत्तेयं गुणठाणे पडुच्च मोहुदयपयविंदसंखामाह'ठवणा- | गुणठाणा मिच्छ| मा. मीस० ऽविः | देवः पमत्त ऽपम० निय. - ऽनियट्टि . मोहोदय. 162 66 / 96 162 | 162 192 132 66 | 12 | 1 | 2 | 2 | 1 | पयविंद चउवी सिया |पयविंदा 1632 768 768 1440/1248/1056 2056/480 28 एवं मोहोदय१२६५।। एवं पयविंदचउवीसिया 352|| पयविंदा 26 / / एवं सव्वे पयविंदा 8477 // वा गुणठाणा | मिच्छ० | सा० मी० ऽविरय० | देमवि० | पमत्त० | ऽपम० पदचउवीसिया 8 / 4 / 4 / 8 8 8 8 पदविंदचउ वीसिया पदविंदा 1632 768 768 1440, 1248 : 1056 | 1056 सत्ताठाणा 28,27,26 28 28,27 28,24 28,24 | 28 24 | 28,24 24 23,22.21/23,22,21,23,22,2123,22,26 // २ठवणा |नि अनियट्टि सु. उ. . | 4 | 12 | 1 | 1 | 1 | 1 | | उदयपया 1265 / / पयविंदच वीसिया 20 ( भ 24 | 1 | 1 | 1 | 352, भंगा 21 // पयविंदा 8477 // 28,24/ 28,24, 21, 13, 12,11, 5 | 21 | 4, 3, 2,1 1 इदं यन्त्रं L. D. प्रतावस्ति, J. प्रतिप्रेसकोप्यां नास्ति / 2 इदं यन्त्र J. प्रतिप्रेसकोप्यामस्ति, L. D. प्रतौ नास्ति। 29 25