________________ नाम्नो बन्धोदयसत्तास्थानसंवेधश्चतुर्दशजीवस्थानेषु ज्ञानावरणान्तराययोः संवेधश्च [30 एए केवलिउदया तित्थजुया ते य छच्च तित्थयरे / दो दो संतवाणा आसी 'छाहत्तरी तह य // 216 // (264) [246] छठ्ठदए नवपयडी ते चिय संतम्मि चरिमसमयम्मि / तित्थयरकेवलिस्सा तइयं ठाणं तु संतम्मि // 217 / / (265) [247] उवसंते चउ पढमा तीसे उदयम्मि तह य त्थियरे / रसणं केवलिनियरे उवरयवंधम्मि संवेहो // 218 // [248] तेरस तेरस भेया केवलितित्थयर तह य उवसंते / चउ पढमा तीसुदए उवरयवंधम्मि संवेहो // (266) उवणा- उदयठागः| 20 | 21 | 26 27 28 29 30 31 | | 8 सव्वे | सत्ताठाण| 2 | 2 | 2 | 2 | 2 | 482 | 3 | 3 |30| सामान्येन नाम समाप्तम् / / मूलुत्तरपगईसु कंधोदयसंतठाण इय भणिया / जीवगुणठाणगेसु तह उत्तरपगइसु भणिमो // 216 / / (267) [249] तिविगप्प पगइठाणेहि जीवगुणसण्णिएमु ठाणेसु। भंगा पउंजियव्वा जत्थ जहासंभवो भवइ ॥सू०-३३।। (268) [250] तिविगप्पा बोधव्वा बंधं उदयं च संतठाणतिगं / भंगा पउंजियव्वा जियगुणठाणाण संभविया // 220 // (269) [251] ..चतुर्दशजीवस्थानेषु ज्ञानावरणान्तराययोबन्धोदयसत्तास्थानभङ्गाःतेग्ससु जीवसंखेवएसु नाणंतरायतिविगप्पो / एक्कम्मि तिदुविगप्पो करणं पइ 'एत्य अविगप्पो॥सू.-३४॥(२००) [252] "नाणावरणंतरायठवणा जीवट्ठाणा | 13 | सण्णी उदय. सत्ता . / १."तहाहारचउरहिया" इति J. प्रतिप्रसकोप्याम् / 2-4 इदं यन्त्रं L. D. प्रताबस्ति, J. प्रतिप्रेस. कोप्यां नास्ति / 3 "इत्थ" इति L. D प्रतौ /