________________ मोहनीयस्य गुणस्थानकान्याश्रित्य बन्धोदयसत्तास्थानानि नाम्नो बन्धस्थानानि [17 दसनवपण्णरसाई इच्चाई विवरियं समासेण / 'इत्तो य नामबंधा तेवीसाईणि विवरेमि // 92 // (124) [114) नाम्न उत्तरप्रकृतीनां बन्धस्थानानि / तेवीसपण्णवीसा छव्वीसा अट्ठवीसगुणतीसा / तोसेगतीसमेगं बंध हाणाइँ नामस्स ॥सू०-||२४॥ (125) [115] ठवणा-२३, 25 26, 28, 29, 30, 31, 1, वन्नरस १गंध१फासा१ तेयगकम्मइग१अगुरु१उवघायं / / निम्मेण?-नाम-धुवयाह सेसा अडवन्नअधुवाओ // 93 / / (12) [116] गइ 4 अणुपुव्वीचउ 2 छ उ संघयणागीतसाइवीसं२०च / जाइ५सरीरं३ गतिगं३ परघाचउ४ तित्थ विहगदुगं (127) अडवन्न अधुवाओतग्गयणुपुग्विजाई थावरमाई उ. दूसरविहूणा / धुवध९ हुंडउरलं तेवीसअपजथावरए // 94 // (128) [117] सासपरघायखेवे. पणवीसा सुहुमबायराणं तु / छब्बीस : आयवेणं उज्जोअपरित्ति बंधतिगं // 9 // [118] अपजत्तं अवणित्ता पज्जत्तगखेव पज्जपाओगा / / सासपरघायखेवे सो बंधो पज्जपाओगो // 9 // [119] अपजत्तं अवणित्ता पजत्तगखेव सा उ तेवीसा / सासपरधायखेवे पणवीसा होइ पगईणं // (129) पुढवाइबायराणं पजाणं सुहमबायराणं तु / छव्वीस आयवेणं अहवा उज्जोयपरियत्तो // (130) "बायरएगिरिपाउग्गा एसा // बंधतिगं थावराणेयं // 'सेसा बंधा य इय नेया / गइजाइछेयपुव्वी धुववधा हुडउरलदुगथूलं / दूसररहिया अथिराइ 5 तसअपज्जत्तपत्तेयं // 97 // (131) [120] बीया पणवीसेसा तसपाउग्गा तहा य सरसासे / विहगपरघायखेवे उणतीसा तीस उज्जोएं // 98 // (132) [121] 1 "एत्तो य" इति L. D. प्रतौ। 2 "ठाणाणि” इति वा / 3-4 "अयं पाठः L. D. प्रतावरित .. प्रतिप्रेसकोप्या नास्ति / 5 "अयं पाठः L.D. प्रतौ नास्ति, J. प्रतिप्रेसकोप्या चास्ति /