________________ मार्गणस्थानेषु बन्धहेतवस्तथा गुणस्थानेषु जीवस्थानानि योगाश्च मिच्छे सव्वे छ अपज्ज सन्निपज्जत्तगो य सासाणे / सम्म दुविही सन्नी सेसेसु सन्निपज्जत्तो // 65 // (राम०) मिच्छदिट्ठिस्स जीवट्ठाणा चउदस वि / सासायणस्स जीवट्ठाणा सत्त / छ अपज्जत्ता बायराई सनिपज्जो य / सम्मो-अविरय सम्मदिट्ठी, तस्स दो जीवट्ठाणा-सन्नी पज्जनगो अपज्जत्तगो य / सेसेसु एगारससु गुणट्ठाणगेसु एगं जीवट्ठाणं सन्नी पज्जत्तओ // 65 / / इय जियठाणा गुण ठाणगेसु जोगा य वोच्छमेत्ताहे / जोगाहारदुगूणा मिच्छे सासणअविरए य // 66 // (राम०) मिच्छदिट्ठिसासायणअविरयसम्माट्ठिीणं जोगा तेरस आहारगदुगूणा // 66 // उरलविउव्वाइमणा दस मीसे ते विउविमीसजुया / देसजए एक्कारस साहारदुगा पमत्तेते // 6 // (गम०) ओरालियं विउब्वियं मणचउक्क वइचउक्क एए दसजोगा सम्मामिच्छद्दिहिस्स। देसविरयस्स ते दस वेउन्चिमीसजुया इक्कारस जोगा / पमत्तस्स ते इक्कारस आहारगदुगजुया जोगा तेरस / / 67 // एक्कारसप्पमत्ते, मणवइआहारगुरलवेउब्वा / अप्पुव्वाइसु पंचसु नव ओरालो मणवई य // 6 // (राम०) एकारस अप्पमचे मणचउक्कं वइचउक्क आहारगं ओरालियं वेउव्वियं मिस्सविरहेण / अपुवकरणा जाव खीणमोहो तावपंचण्ह वि नव नव जोगा ओरालियं मणचउक्कं वइचउक्कं च // 6 // चरिमाइममणवइदुगकम्मुरलदुगन्ति जोगिणो सत्त / गयजागो य अजोगी वोच्छमओ बारसुवओगे // 69 // - (राम०) चरिमं असच्चमोसमणं आइमं सच्चमणं, एवं वई वि, चत्तारि, ओरालियं ओरालियमीसं कम्मइगसरीरं च, एए सत्त जोगा सजोगिकेवलिस्स / “गयजोगो य अजोगि" ति जोगनिरोहाओ अजोगिम्मि जोगा न होति // 66 // ___उवओगमग्गणा भन्नति