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________________ प्रकाशकीय निवेदन आराध्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजयप्रेमसूरीश्वरजी महाराज साहब की निश्रा में गोली की आराधना करवाई, उसमें अपने द्रव्य का सव्यय किया वैसे ही लालचन्दजी ने मी बामणवाडजी तीर्थ में पू. आ. श्रीमद्विजयजम्बूसूरीश्वर म. सा. की निश्रा में ओली की आराधना करवाई और पिंडवाडा में बावन-जिनालय की प्रतिष्ठा अवसर पर भी अच्छा सद्व्यय किया तथा मन्दिर के पृष्ट भाग में श्री प्रेमसूरीश्वरजी गुरुमंदिर वाले उपाश्रय के निर्माण में भाग लिया और गुरु मूर्ति की प्रतिष्ठा का गम भी स्वयं ने लिया। इम उपरांत भी यह दोनों महानुभाव तन मन धन से संघ और शासन की उपासना करते रहते हैं जैसे कि बम्बई वालकेश्वर विभाग में श्रीपालनगर के मन्दिर ओर उपाश्रय के निर्माण में काफी सहकार दिया है और वहां स्तम्भ रूप बने हैं। श्री हुकमीचंदजी कोल्हापुर वालो ने अपने स्व० पिताजी श्री डुगाजी की पुण्य स्मृति में इस प्रन्थ के मुद्रण-व्यय में रु 5000) की द्रव्य सहाय करके अपूर्व श्रुत भक्ति की है। ___ श्री ढुंगाजी का जन्म विक्रम संवत 1919 में राजस्थान-सिरोही जिले के फुगणी गांव में हुआ था। व्यवसाय का प्रारम्भ महाराष्ट्र में कोल्हापुर जिले के वडगांव में कपड़े की दुकान से हुआ / आर्थिक स्थिति सामान्य होने पर भी नीतिमत्ता असामान्य थी। क्षमा-परोपकार-सहनशीलतादि सात्त्विक गुणों से जीवन एक सुश्रावक के उचित था / सामायिक प्रतिक्रमण पूजा पच्चक्खानादि नित्य कृत्यों में तथा श्री संघ के कार्यों में सदैव अप्रमत्त और उत्साही रहते थे। फलतः विक्रम सं० 1980 में मुनि भगवंतों की निश्रा में अनशन की भावना के साथ सर्व-संग का त्यागकर दिवंगत हुए। . हुकमीचंदजी के परिवार में धर्म संपन्नता आचारशीलता और नीतिमत्ता का जो उत्कर्ष है इसका श्रेयः स्व० डुंगाजी को ही है। इनका यह दानादि धर्म उत्तरोत्तर वृद्धि को पाता रहे और माव-धर्म का स्वरूप लेकर मोक्षदायक बने यही शुभेच्छा। . निकट भविष्य में और अधिक ग्रन्थों के प्रकाशन की आशा में। (i) पिंडवाड़ा भवदीयस्टे. सिरोहीरोड (राजस्थान) शा. समरथमल रायचन्दजी (मंत्री) (i) 135/137 जौहरी बाजार शा. लालचन्द छगनलालजी(मंत्री) बम्बई-२ भारतीय प्राच्य तत्व प्रकाशन समिति * समिति का ट्रस्टी मंडल के (1) शेठ रमणलाल दलसुखभाइ (प्रमुख) खंभात (6) शा. लालचंद छगनलालजीमंत्री पिंडवाड़ा (2) शेठ माणेकलाल चुनीलाल बम्बई (7) शेठ रमणलाल वजेचन्द अहमदाबाद / (3) शेठ जीवलाल प्रतापशी बम्बई (8) शा. हिम्मतमल रुगनाथजी बेडा (4) शा. खूबचन्द अचलदासजी पिंडवाडा (9) शेठ जेठालाल चुनीलाल घीवाले बम्बई (5) शा. समरथमल रायचंदजी मंत्री पिंडवाड़ा (10) शा. इन्द्रमल हीराचन्दजी पिंडवाड़ा
SR No.004404
Book TitleKarmgranth tatha Sukshmarth Vicharsar Prakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVeershekharvijay
PublisherBharatiya Prachya Tattva Prakashan Samiti
Publication Year1974
Total Pages716
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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