________________ सो प्रकारना रत्नोना बेद. 11 शक्ति, मंत्रशक्ति,५ कामशक्ति, 6 अर्थशक्ति, युद्धशक्ति, व्यायामशक्ति,एदेशशक्ति. 72 बदोंतेरमा अहंकारना आठ प्रकार , ते कहे . 1 ज्ञान अहंकार, 2 दान अहंकार, 3 बल अहंकार,धर्म अहंकार, 5 काम अहंकार, 6 अव्य अहंकार, 7 शत्रु मारण अहंकार, समारंन अहंकार. ___73 त्रहोंतेरमा वात्सल्यना चार नेद , ते कहे . 1 देववात्सल्य, 2 ससुरुवात्स व्य, 3 मित्रवात्सल्य, 4 वहन पुरुष वा पदाथर्नु स्नेहनेलीधे वात्सल्य. 4 चम्मोतेरमा प्राप्तिना श्राप नेदो बे, ते कहे बे. 1 ज्ञानप्राप्ति, 2 धर्मप्राप्ति. 3 बलप्राप्ति, 4 कामप्राप्ति,५ विज्ञानप्राप्ति, 6 पात्रसंग्रहप्राप्ति, 7 सर्वार्थ, 7 राज्यप्राप्ति. ___पंच्चोतेरमा शौर्यना चोवीश नेद बे, ते कहे . 1 स्नानशौर्य, 2 मनःशौर्य, 3 शब्दशौर्य, 4 प्रताप, 5 उदय, 6 प्रतिना, 7 तेज, ज्ञान, ए संग्राम, 10 जय, 11 साहस, 12 प्रतिपन्न, 13 शरणागत, 14 प्रमोद, 15 प्रबोध, 16 श्राझा, 17 उद्यम, 17 अर्थ, रए आचार, 20 बल, 1 कीर्ति, 22 लक्षण, 23 व्रत, 24 श्रापदाशौर्य. 76 तेरमा बलना दश प्रकार कहे . 1 वाग्बल, 2 कायबल,बुझिबल, स्थान बल, 5 सुहृद्दल, 6 शकुनबल, 7 देवताबल, धनबल, ए मंत्रबल,१० सैन्यबल.. 7 सत्त्योतेरमा आज्ञाना दश नेद .ते कहे . 1 ज्ञान. 2 आगम. 3 प्रताप. 4 ऐश्वर्य, 5 वाक, 6 परिश्रम, निघा, ज रति. श्रोतेरमा संग्रहना नव नेदबे, ते कहे .1 ज्ञानसंग्रह, पात्रसंग्रह,३मित्रसंग्रह. 4 पत्नियोगसंग्रह, 5 बलसंग्रह, 6 जयसंग्रह, धर्मसंग्रह, 7 श्रुतसंग्रह, ए गुणसंग्रह. ___ए जंगण्याएंशीमा परिछेदना पांचनेद बे, ते कहे . 1 अलक्षित, 2 लक्षित, 3 मानसिक, 4 वाचक, 5 कार्मण. Go एंशीमा प्रजुत्वना पांच नेद , ते कहे . 1 ज्ञानप्रजुत्व, 2 अक्षयप्रजुत्व, 3 शौर्यप्रजुत्व, 4 स्थापनाप्रजुत्व, 5 प्रदानप्रजुत्व.. 1 एक्याशीमा लब्धिना आप नेद ले ते कहे . 1 अणिमा, 2 मणिमा, 3 ग रिमा, 4 लघिमा, 5 ईशित्व, 6 वशित्व, 7 प्राप्ति, प्राकाम्य. ____ ब्यासीमा दिव्यना दश नेद बे, ते कहे . 1 जल, 2 अग्नि, 3 घट, 4 कोश, 5 विष, 6 माष, 7 तांडुल, 7 फल, ए तुल, 10 सुतस्पर्श. 3 त्र्याशीमा अपराधना दश नेद , ते कहे . 1 अनंग, श्नृपवध,३स्त्रीवध४ वर्ण संकर,५परस्त्रीगमन, 6 चौर्य, पतिविनानो गर्न, दंडपारुष्य,ए वाक्य, 10 गर्नपातन,