________________ 10 सो प्रकारना रत्नोना नेद. दूषण, 13 नूषण, 14 उपन्यास, 15 अनुमोद, 16 आदेश, 17 निर्णय, 17 ग्रंथनिश्च य, १ए निश्चय, 20 स्थान, 1 अर्थांतर, 22 समता, 23 जय, 24 पराजय. एए उंगणशाहमा दर्शनना नेदो बे, ते कहे . 1 माहेश्वरदर्शन, 5 ब्राह्मद र्शन, 3 सांख्यदर्शन, 4 बौधदर्शन, 5 जैनदर्शन, 6 चार्वाकदर्शन. .60 साउमा माहेश्वर दर्शनना पांच नेद , ते कहे जे. 1 विशेष, 2 शिवधर्म, 3 पाशुपत्त, 4 कालमुख, 5 महावतिक पर्यंत, हवे तेनाज बीजी रीते पांच दे कहे . अयोविशेष शिवधर्म, 1 शैव, 2 पाशुप त, 3 फलमुख, 4 महावत, 5 ब्रह्मचर्य.. 61 एकसहमा ब्राह्मणना लक्षण दश प्रकारे कहे . 1 प्रमाण, 2 संस्कार, 3 क म, 4 वर्तन, 5 ब्रह्मचारी, 6 गृहस्थ, वान, प्रस्थ, ए यति, 10 ब्रह्मपर्यंत. 62 बासहमा सांख्य शास्त्रना चारनेद कहे . 1 तत्व, प्रमाण, ३प्रकार,४ सर्वात्मा. 63 त्रेसहमा बौधमतना दश नेद बे, ते कहे . 1 सौगत, श् सर्वद,३परिगत, वि हार, 5 प्रमाण, 6 प्रज्नेद, प्रमोद, शौर्य, ए त्रिकयोगाचार,रण्यआध्यात्मिकमोक्षपर्यंत. 64 चोसहमा जैनमतना सात प्रकार दे, ते कहे . 1 सर्वज्ञ, 2 धर्म, 3 तत्त्वार्थ, 4 प्रमाण, 5 प्रतिना, 6 नेद, सिकपर्यंत. 65 पांसहमा चार्वाकना चार नेद , ते कहे जे. 1 तत्त्वार्थ, 5 प्रमाण,३ प्रनेद,प्रमोद. 66 बासठमा विचारना चोवीश नेद बे, ते कहे . 1 विद्या, 2 विज्ञान,३विनोद, 4 कला, 5 कवित्व, 6 वक्तृत्व, 7 गीत, नृत्य, ए वाद्य, 10 देश, 11 काल, 15 पा त्र, 13 प्रमेय, 14 पर्याय, 15 जय, 16 रस, 17 वाद, 10 अभिनय, १ए धर्म, 20 अर्थ, 21 काम, 22 मोद, 23 प्रमाण, 24 लोकवादपर्यंत. 67 समसमा गुरुत्वना दश नेद , ते कहे 1 वंश, 2 ज्ञान, 3 पद, 4 शौर्य, 5 सत्त्व, 6 दान, 7 बल, ज जय, ए संतान, 10 स्वगुण.. 67 श्रमसहमा चरितना चार नेद कहे . 1 मानवचरित, 2 दानवचरित, 3 वी रविलासचरित, 4 गुणप्रख्यापन चरित.. ६ए उंगण्योतेरमा राज्यपालनना पांच नेदो , ते कहे . 1 धर्मपालन, 2 राज्य पालन, 3 नूमिपालन, 4 प्रजापालन, 5 नीतिपालन. ___ 30 सित्तेरमा उत्तमपणाना सात नेदो बे, ते कहे . 1 वय, 2 कुल, 3 शील, 4 रूप, 5 पद, 6 ज्ञान, 7 प्रयोग. 71 एकोतेरमा शक्तिना नव नेद , ते कहे . 1 ज्ञानशक्ति, 2 धर्मशक्ति,३ दान