________________ सो प्रकारना रत्नोना नेद. २०ए 46 बहेंतालीशमा पार्थिवना दश प्रकारे प्रमोद बे, ते एक श्लोके करी कहे जे. ज्ञाने दाने बले राज्ये, विनोदे वैरिसंग्रहे // शौर्ये धर्मे च सौख्ये च,प्रमोदा दशधा स्मृता // 1 // ___47 सुमतालीशमो चार प्रकारनो बोध कहे :- 1 बालसंस्कारप्रबोध, 5 प्रज्ञाप्र बोध, 3 शास्त्रप्रबोध, 4 तत्त्वनिश्चयप्रबोध. 4 श्रडतालीशमी चार प्रकारनी बुद्धि कहे बेः- 1 उत्पातिकी, 2 विनयकी, 3 कार्मिकी, 4 पारिणामिकी. ४ए उगणपञ्चाशमी बुजिना श्राप प्रकारे गुण , ते कहे . 1 शुश्रुषा, 5 श्रवण, 3 ग्रहण, 4 धारणा, 5 ऊह, 6 श्रापोह, 7 अर्थ, - विज्ञान. 50 पञ्चाशमा गांधर्वना चार प्रकार कहे H-1 स्वरगत, तालगत,३ पदगत,अवधानगत. 51 एकावन्नमा त्रण प्रकारना महागीत कहे बेः-१ महागीति, 2 उपगीत,३अनुगीति. ____52 बावन्नमा गीतना बत्रीश गुण , ते कहे बेः- 1 सुखर, 2 सुताल, 3 सुपद,। शुभ, 5 ललित, 6 सुसंबंध, सुप्रमेय, सुराग, ए सुरस, 10 सुसंगित, 11 सुहर्ष, . 15 सुग्रह, 13 श्लिष्य 14 क्रमष्य, 15 सुवर्ण, 16 सुगम, 17 सुरक्त, 17 संपूर्ण, 1 // सालंकार, 20 सुनाषाघ, 1 सुसंधिष्ठ, 22 सव्युत्पन्न, 23 मधुर, 24 स्फुट, 25 अग्रा म्य, 26 प्रसन्न, 27 कुंचितकंपित, 27 समयोचित, ए विद्या, 30 संगत, 31 प्रथम स्थित, 32 खस्थ, 33 एक, 34 अनुत, 35 विलंबितमध्य, 36 उक्त प्रमाण. ___53 हवे त्रेपन्नमा नृत्यना बे प्रकार बे, ते कहे . 1 लास्य, 2 तांगव, 54 चोपन्नमा काव्यना शोल प्रकार कहे .1 समय, 2 प्रतिना, 3 अभ्यास विद्या, 4 जाति, 5 गीति, 6 रीति, 7 वृत्ति, 7 वाच्य, ए वाचक, 10 बंद, 11 अलंकार, 15 गुण, 13 दोष, 14 रस, 15 नाव, 16 अनिनय. ___55 पञ्चावन्नमा वत्क्रत्वना दश प्रकार कहे . 1 परिनावित, सत्य, 3 मधुर, 4 सार्थक, 5 परिस्फुट, 6 परिमित, 7 मनोहर, चित्र, ए प्रसन्न, 10 नावानुगत. 56 बपन्नमा नाषाना प्रकरो , ते कहे . 1 संस्कृत, 2 प्राकृत, 3 अपभ्रंशी, 4 पैशाची, 5 मागधी, 6 शौरसेनी. 57 सत्तावन्नमा पांडित्यना पांच जेदो बे, ते कहे . 1 वक्तृत्व, 5 वादित्व, 3 क वित्व, 4 आयामत्व, 5 गमत्व. ___57 अहावन्नमा वादना चोविश नेद कहे . 1 उत्पत्ति, 2 समा, 3 अयति, 4 सजा, 5 वाद, 6. पद, प्रतिपदा, प्रमाण, ए प्रजेद, 10 प्रसन्न, 11 प्रत्युत्तर, 15 27