________________ .. पद्यानि 488 10 453 508 15 650 पृष्ठाङ्काः. पद्यानि पृष्ठाङ्काः, वपुर्विरूपाक्षमलक्ष्यजन्मता. 489 | वाहनाजनिमानासे .. 277 वयं तथा नाम यथास्थ 740 वाहित्ता पडिवअणं वयं बाल्ये बालान् 387 विअडे गअणसमुद्दे 521 वरकारप्रदं धीरे विअलिअविओअवअणं 648 वराहः कल्याणं विकिण्णइ माहमासम्मि वर्धते सह पान्थानां विचिन्त्यमानं मनसापि वर्वर्टि जलदो यत्र विजितात्मभवद्वेषि वलहे लहुवोलन्तइ विदग्धः सरसो रागी 300 ववसाअरइप्पओसे | विदिते दिवि केऽनीके 279 ववसिअणिवेइअत्थो विद्यामभ्यसतो. रात्रावसने परिधूसरेवसाना विद्यास्यन्दो वाग्विदा 234 वैसिष्ठधेनोरनुयायिनं विद्राणे रुद्रवृन्दे वैस्त्रायन्ते नदीनां सितकुसुम 263 विनायकं दानसुगन्धिवक्र 286 वाअग्गिणा करो मे | विपूयरशनावन्तः 102 वागर्थाविव संपृक्ती विभजन्ते न ये भूप वाणउ उजु माइग विभिन्नवर्णा गरुडा वापीव विमलं व्योम वारं वारं तिरयति दृशो विमलिअरसाअलेण वारणागगभीरा सा विमुच्य सा हारमहार्य 276 वाली भंभुरभोली वियद्वियदृष्टिपरं वासावस्थितताम्रचूड विरला उवआरिच्चिा 503 वासिष्ठैः सुकृतोद्भवोऽध्वरशतैः 695 | विरहाणलो सहिजइ 647. 1. कुमारसं० 5-72. 2. मालतीमा० / 1. गा० स० 5.16. 2. सेतुब० 7-1. 3. रघु. 2.19 4. वामनकाच्या० | 11.58. 3. गा० स०३-३८.४. का४-१-१०. 5. मालतीमा० 1-33. | व्याद० 3-120, 5. चण्डीश०६६. 6. महेन्द्रः२-१९७. परं 'सप्ताब्धिकाञ्चे- | 6. वामनका. 1-2. 7. शिशुपा० र्भुवः' इत्यस्य स्थाने 'शास्ताब्धिकाचेभुवः' | | 4.14. 8. सेतुब. 9.7.. 9. कुइति पाठः, मार० 5.8. 10, गा० स० 1.43. 446 710