________________ 286 728 पद्यानि .. पृष्ठाकाः | : पद्यानि पृष्ठाङ्काः चरन्ति चतुरम्भोधि जजो जोजा जिजिजाज चरस्फारवरक्षार जे करेसि जं जं. 618 चलल्लतारब्धशमं जं जस्स होइसीरं . . 396 चिसया कृत्रिमपत्रिपङ्केः 366 जत्थ ण उजागरओ........६४६ चित्ते निवेश्य परिकल्पित..... जनः पुण्यैर्यायात् ..... 66,707 सत्त्वयोगा 370,563 जंतीमणुरुन्धुं रुंचुकुहु .....296 चिंताणिभदइअसमागमम्मि 584 जम्बूनां कुसुमोत्करे नवमधु- 348 चूंडाचुम्बितकङ्कपत्र 310 जमुच्छिआ ण असुओ 676 चूडाप्रोतेन्दुभागद्युति... 285 जयजय जय श्रीमन् भोज 258 चोरा सभअसतहं जयति क्षुण्णतिमिरः .. 261 च्युतामिन्दोर्लेख जयति जनताभिवाञ्छित- 147 जयति जयति देवः .. 256 जयति ब्रह्मभूः शंभुः छणपिट्टधूसरत्थणि .. 314,664 जयति भुजगरज्जुप्रन्थि / छत्राकारशिराः शिरालस-. 14 जयति भुवनकारणं खयंभूः छिन्नेन पतता वह्नौ जयदेव नतेन्द्रादे जयदेव भुवनभावन .. जइआ पिओ ण दीसइ जयन्ति जायाश्लिष्टस्य जैइ ण छिवसि पुप्फंवई जयन्ति ते सदा देहं . 214 जइ देअरेण भणिआ | जयन्ति वर्षास्थिति जैइ सो ण वलहच्चिअ 637 रद्वः कम्बलपादुकाभ्यां जंइ होसि ण तस्स पिआ 672 जरामरणदौर्गत्य : .. 593 1. काव्याद० 2-99. 2. शिशुपा० 100.09. 2 शिशपा० | जलं जलधरे क्षार- 8 3-51. 3. शाकुन्त०२-९. 4. महा. | | जह इच्छा तह रमिों वीर० 1-9, उत्तरराम० ४.२०.५.गा० . 1: शिशुपा० 19-34. 2. गास० स०६-७६. 6. सुभाषि० चण्डकस्य, | 4.78. 3. गा० स० 3-12. 4. मा. शार्ङ्गधर० क्रीडाचन्द्रस्य. 7. गा० स० लतीमा० -9.4. 5. जैमिनिसूत्रवृत्तिः 5.81. 8. गा० स० 4.73. 9. गा० | (मीमांसा) 1-1-32. . 6. सुभाषिता० स० 1.65. | 4-99. 184