________________ . पयानि 657 612 270 “पृष्ठाङ्काः पद्यानि पृष्ठाङ्का: भयमुदयति मुद्राभजनः 74,158 अविगाह्योऽसि नारीणां अयमेव दह्यमान- 689 अविभाविअरअणिमुहं अयि विजहीहि दृढोपगृहनं 151 अविरलमिव दाना 154 औरण्यबीजाञ्जलिदान- 437 अविरलविलोलजलदः औरनालोकसंहार्य | अवैमि पूतमात्मानं अरिमेदः पलाशश्च 225 अव्वोच्छिण्णपसरिओ अलं विवादेन यथाश्रुतं अव्वो दुक्करआरअ __ त्वया . 494,700 अशोकनिर्भसितपद्मराग अलमलमतिमात्रं साहसे- . 592 असंशयं क्षत्रपरिप्रहक्षमा 585 अलसवलितमुग्धस्निग्ध 601 असकलहसितत्वात् 155 अलिअपसुत्त विणिमीलिअच्छ 621 असमत्तमण्डणच्चिा 622 मलिनीलालकलतं असमत्तो वि समप्पइ 675 मेलिवलयैरलकरिव असंभृतं मण्डनमग 319 अल्पं निर्मितमाकाश असारं संसारं 129 अवऊहिअपुवदिसे असावनुपनीतोऽपि वेदा 48 अवतु वः सवितुः असावुदयमारूढः अवलंबह मा संकह असितर्तितुगद्रिच्छित् अवलंबिअमाणपरंमुही | असौ विद्याधारः शिशुरपि 155,696 भवसहिअजणो पडणा 664 अस्तमस्तकपर्यस्तसम- 238 अवसितं हसितं प्रसितं 207 1 मालती० 3.16.. 2. रुद्रटका० 1. कुमारदासस्येति औचित्यविचार- 760. 3. सेतुब० 3.17. 4. गा०. चर्चा. 2. कुमार० 5-15. 3. काव्या- स. 3-73. 5. कुमार० 3.53. द.२.१९.७.४.कुमार०५-८२.५४ शाकुन्त० 1-22. 7. गा० स० 1. बाव० 3.17. 6. मालती० 1-3 | 21. 8. कुमार० 1.31. 9. मालती७.गा०स०१-२०८. काव्याद० 3.89. / | मा० 4.30. 10. काव्याद० 3.178. 9. टका० 8.30. 10. काव्याद० | 11. काव्याद० 2-311. 12. मा. 191. 11. गा० स० 4-86.12. लतीमा० 2-110 13. काव्याद. गा० स०१-८७. 13. महि० 10.6. | 1.82. 544 685