________________ (483) ___ अ. पा. सु. पृ. नवा भावारम्भे . / 4 / 4 / 72 / 313 न वृद्धिश्चाविति क्ङिल्लोपे / 4 / 3 / 11 / 278 न वृद्भयः / 4 / 4 / 55 / 79 न शसददिवादिगुणिनः / 4 / 1 / 30 / 38 नशः शः / 2 / 3 / 78 / 121 नशेर्नेश् वाऽङि / 4 / 3 / 102 / 121 नशो धुटि / 4 / 4 / 109 / 121 न विजागृशप्तक्षणम्येदितः / 4 / 3 / 49 / 38 नाडीघटीखरीमुष्टिनासिकावाताद् / 5 / 1 / 120 / 289 नानद्यतनः प्रबन्धासत्त्योः / 5 / 4 / / 5 / 259 नामिनोऽकलिहलेः . . / 4 / 3 / 11 / 20 नामिनो गुणोऽक्ङिति / 4 / 3 / 1 / 3 नाम्ना ग्रहादिशः / 5 / 4 / 83 / 400 नाम्नि पुंसि कः / 5 / 3 / 121 / 383 . नाम्नो गमः खड्डौ च विहायसस्तु विहः / 5 / 1 / 131 / 290 नाम्नो द्वितीयाद् यथेष्टम् / 4 / 1 / 7 / 224 नाम्नो वेदः क्यप् च. / 5 / 1 / 35 / 272 नाम्युपान्त्यप्रीकृगृज्ञः कः / 5 / 1 / 54 / 289 धमश्च