________________ (477) ___ण अ. पा. सू. पृ. णावज्ञाने गमुः / 4 / 4 / 24 / 190 णिज् बहुलं नाम्नः कृगादिषु / 3 / 4 / 42 / 220 णिन् चावश्यकाधमण्यें / 5 / 4 / 26 / 278 शिवेत्त्यासश्रन्थवट्टबन्देरनः / 5 / 3 / 111 / 380 मिश्रिनुक्रमः कर्तरि ङः / 3 / 4 / 58 / 21 णिस्नुयात्मनेपदाकर्मकात् / 3 / 4 / 92 / 251 णेनिटि / 4 / 3 / 83 / 170 जो क्रीजीङः / 4 / 2 / 10 / 186 णौ ङसनि / 4 / 1 / 88 / 187 णौ दान्तशान्त पूर्णदस्तस्य- . च्छन्नज्ञप्तम् / 4 / 4 / 74 / 314 गौ मृगरमणे .. / 4 / 2 / 51 / 189 तत्र वसु-कानौ तद्वत् / 5 / 2 / 2 / 267. तत्साप्यानाप्यात् कर्मभावे- / 3 / 3 / 21 / 243 तनः क्ये / 4 / 2 / 63 / 246. तनव्यधीश्वसातः / 5 / 1 / 64 / 281 तन्भ्यों वा तथासि न्णोश्च / 4 / 3 / 68 / 257 तपसः क्यन् / 3 / 4 / 36 / 219 20 V