________________ ( 432) अ. पा. सू. . .पृ. अव्याप्यस्य मुचेर्मोग् वा / 4 / 1 / 19 / 196 अशवि ते वा / 3 / 4 / / 44 अशित्यस्सन्णकच्णकानटि / 4 / 3 / 77 / 92 अश्रद्धाऽमर्षेऽन्यत्रापि / 5 / 4 / 15 / 262 असमानलोपे सन्बल्लघुनि डे . / 4 / 1 / 63 / 171 अमरूपोऽपवादे वोत्सर्गः प्राक् क्तेः / 5 / / / 16 / 277 अस् च लौल्ये / 4 / 3 / 115 / 220 अस्तेः सि हस्त्वेति / 4 / 3 / 73 / 98 अस्यादेराः परोक्षायाम् / 4 / 1 / 68 / 24 असंयोगादोः / 4 / 2 / 86 / 69 आ आङः शीले / 5 / 1 / 96 / 285 आङो ज्योतिरुदमने / 3 / 3 / 52 / 233 आङो यमहनः स्वेऽङ्गे च / 3 / 3 / 86 / 238 आङो युद्धे / 5 / 3 / 43 / 373 आ च हो / 4 / 2 / 101 / 108 आतामाते आथामाथे आदिः / 4 / 2 / 121 / 12 आ तुमोऽस्यादिः कृत् / 5 / 1 / 1 / 269