________________ __अ. पा. स. पृ. व्यन्जनेभ्य उपसिक्ते / 6 / 4 / 8 / 193 न्यत्यये लुग् वा / 1 / 3 / 16 / 21 ज्याप्तौ स्सात् / 7 / 2 / 130 / 233 न्याश्रये तमः / 7 / 2 / 81 / 226 ज्याहरति मृगे / / 3 / 121. / 189 बीयर्थतन्दादेरिलश्च / 7 / 2 / 9 / 221 श्रीह्यादिभ्यस्तो / 7 / 2 / 5 / 220 श शकलादेयत्रः / .6 / 3 / 27 / 184 शक्तार्थवषड्नम:-स्वधाभिः / / 2 / 68 / 122 शषसे शषसं वा / 1 / 3 / 6 / 26 शमोऽता सश्च नः पुंसि / 1 / 4 / 49 / 26 शसोनः / 2 / 1 / 17 / 89 शाकटशाकिनो क्षेत्रे / 7 / 1 / 78 / 210 शिखादिभ्य इन् / 7 / 2 / 4 / 220 शिखायाः / 6 / 2 / 76 / 177 शिट्यघोषात् / 1 / 3 / 15 / 20 शिड्हेऽनुस्वारः . . / 1 / 3 / 40 / 18 शिसम् - / / 4 / 17 / 196