________________ (21) .. अ. पा. सू. पृ. दिवो द्यावा. / 3 / 2 / 44 / 164. . दीर्घा याव्यञ्जनात् सेः / 1 / 4 / 45 / 42 दीर्घा नाम्न्यतिसचतसृषूः !? / / 7 / 28 / 2 / 1 / 19 / 38 दृश्यर्थैश्चिन्तायाम् / 2 / 1 / 30 / 95 दृष्ट साम्नि नाम्नि / 6 / 2 / 133 / 172 देवता . ... / 6 / 2 / 101 / 173 दो मः स्यादौ / 2 / 1 / 39 / 65 दोरीयः / 6 / 3 / 32 / 185 घुप्रागपागुदक्प्रतीचो यः / / 3 / 8 / 183 द्वयोविभन्ये तरफ् . / 7 / 3 / 6 / 236 द्विगोः समाहारात् / 2 / 1 / 22 / 105 द्विगोरनपत्ये वृद्धिः / / / 1 / 24 / 165 द्विगोरनहनोऽट् / 7 / 3 / 44 / 154 द्वितीया खट्ना क्षेपे / 3 / 1 / 59 / 134 द्वित्रिचतुरः सुच् / 7 / 2 / 110 / 23.0 द्विषेर्धमधौ वा . . / 7 / 2 / 107 / 230 द्वितोऽधोऽध्युपरिभिः . . . . / 2 / 2 / 34 / 116 द्वित्वे वाम्-नौ ... / / 1 / 30 / 95 द्विपदाद् धर्मादन ... / 7 / 1 / 141 / 147