________________ (9). ऋश्यादेः कः ऋषिवृष्ण्यन्धककुरुभ्यः अ. पा. सू. पृ. / 6 / 4 / 94 / 180 / 6 / 1 / 61 / 166 ऋस्त्रयोः / 1 / 2 / 5 / 11 लतः रल ऋलभ्यां वा / 1 / 2 / 3 / 11 लृदन्ताः समानाः / / 1 / 7 / 2 . / 1 / 4 / 77 / 61 ए ऐ ओ औ सन्ध्य क्षरम् / 1 / 1 / / / / 2 एकद्वित्रिमात्रा ह्रस्वदीर्घप्लुताः / 1 / 1 / 5 / 2 एकात् सकृञ्चास्य / 7 / 2 / 111 / 230 एकाथ चानेकं च / / 3 / 1 / 22 / 145 'एतदश्च व्यञ्जनेऽनग्नसमासे / 1 / 3 / 46 / 23 एदापः / 1 4 / 42 / 43 एदेतोऽयाय / 1 / 2 / 23 / 8 एदोतः पदान्तेऽस्य लुक् / 1 / 2 / 27 / 10 एदोद्भ्यां ङसिङसो रः / 1 / 4 / 35 / 33 एद बहुस्भोसि / / 1 / 4 / 4 / 27