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________________ (2) लघुग्रंथनो परिचय आ पवित्रतम आगमोनु शान सुलभताथी मेलवधाना अवदात आशये भायनियुक्तिओ चूर्णि टीका टपा आदिनु निर्माण ययु इतुं, थइ रहयु छ भने थशे / आवा ज भव्य आसये आ लघुकाय प्रथनु निर्माण लगभग 11 मी सदीमां थयु। अने तेरमी सदीमां ताडपत्र पर अंकित थयो, तेनु मुद्रण वि. सं. २०२९मां था रहयु छे ते आपणा संघर्नु परम सौभाग्य छ / आ ग्रंथनु नाम : नि:शेषसिद्धतिविचारपर्याय' छ / आगमना मननीय विचारणीय सूक्ष्मतर कतिपय पदार्थो उपर ऊंडाणथी चिंतन अने मंथन साथे जे निष्कर्ष निहाल्या तेने संस्कृतभाषाबद्ध करीने संपिंडित (संकलित ) . कर्या छे ते प्रथम खंडमां छे. अवशिष्ट अंशने परिशिष्टमां मूकी प्रथम खण्ड पूर्ण को छ। श्री आगमाना विषम पदाना कठीन अने गूढ अर्थाने सरल संस्कृतभाषामा संकलित कर्या तेने बीजा खण्डमा स्थान मापवामां आव्यु छ। ग्रंथनाममीमांसा आ ग्रंथनी प्रशस्तिमा स्वयं ग्रंथकार (1) 'सिद्धांत विचार पर्याय' आ मुजपनु नाम लखे छे, (2) 13 मी सदीमा जे ताडपत्र पर मा ग्रंथ पूर्ण थयो, तेना अंत भागमा 'सिद्धांत सारोद्धार' मा मुजबनु नाम लहिया देवप्रसाद लखे छे अने प्रतना मुखपृष्ठ उपर निशेष सिद्धांतविचारपर्याय' छ / संपादन वखते विचार यया के नाम शु राखवु 1 आ प्रश्ननी मीमांसा समये एक तर्क उठ्यो के-श्री जैनागमोमां छेदसूत्रो हाईभूत छे छेदसूत्रोथी शासननी व्यवस्था सुचारुरूपे रहे छे तेथी
SR No.004392
Book TitleNishesh Siddhant Vichar Paryay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLabhsagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year1973
Total Pages188
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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