________________ - श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 33 देखिये कितना है भावपूजा का प्रभाव ? इसी लिये शास्त्रकारोने द्रव्यपूजाका उत्कृष्ट फळ बारवां अच्युत देवलोक तक गमन बताया है और भावपूजा का फल एक अन्तर्मुहूर्तमें मोक्षप्राप्ति तक बताया है। दोनों पूजाओंका लाभ श्रावक को उठाना चाहिये। उक्त अष्टप्रकारी पूजा के उपरांत सतराभेदी और इक्कीस प्रकारी पूजा भी शास्त्र में बताई हैं जिन का दिग्दर्शन नीचे मुजब है। सतरा भेदी पूजा 1 स्नात्र करना, विलेपन करना / 2 चक्षु चढाना / 3 सुगंधी फूल चढाना / 4 पुष्पमाला पहनाना / / 5 पंचरंगी फूल चढाना। . 6 बरास कपूर आदिका चूर्ण चढाना / 7 अलंकार (अंगी आदि) चढाना / 8 फूलों का घर बनाना / 9 फूलों का ढेर करना / 10. आरती तथा मंगलदीवा करना / / 11 बत्तियों का दीपक धरना। - 12 धूप करना।