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________________ 414 श्री गोलनगरीय पार्श्वनाथप्रतिष्टा-प्रबन्ध की गञ्जी पर निगरानी रखना और पास लेकर आने वालों को नोकरों द्वारा घास चारा दिलवाना था। हाथी, घोडे, बैल, ऊंट, वगैरह को इस समिति के द्वारा ही घास चारा प्राप्त होता था। (8) रसोईघरनिरीक्षण-समिति-.. ___इस समिति में पांच सभ्य थे / रसोई घर की निगरानी, रसोई के लिये जरूरी सामान और बर्तन हाजर रखना, बची खुची रसोई को ठिकाने लगाना, रसोई के लिए इंधन, मजदूर हाजर करना इत्यादि काम इस समिति के सुपुर्द था। (9) विवनिर्मापक- समिति- , ___ इस समिति में दो सभ्य थे / जयपुर जाकर नये जिनबिंब बनवाने का आर्डर देना, बिम्बों की तैयारी के लिये ताकीद देना और तैयार होने पर बिम्ब लेने जाना इस समिति का कार्य था। इस समिति की मार्फत करीब 2500) पच्चीस सौ रुपयों के जिनबिम्ब नये बनवाये गये थे। (10) पूजाभक्ति-समिति--- इस समिति में 4 सभ्य थे / उत्सव के दमियान पूजा पढाने की तैयारी करना, स्नात्रियों को तैयार करना आदि काम इस समिति के सुपुर्द था।
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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