________________ श्रोजैनज्ञान-गुणसंग्रह न रक्खे / इस तरह जब पवित्र कपडे पहिन कर ठीक ठाक होजावे तब पूजा का सामान तय्यार करें। ___ शास्त्र में द्रव्य और भाव भेद से दो प्रकार की पूजा बताई है। द्रव्य पूजा 8 द्रव्य से की जाती है, अष्टद्रव्य के नाम ये हैं 1 जल, 2 चंदन, 3 पुष्प, 4 धूप, 5 दीप, 6 अक्षत (चावल), 7 नैवेद्य, 8 फल | इन आठ द्रव्यों को लेकर घर से जिनमंदिर की तर्फ चले, रास्ते में नीचे दिये हुए दोहे दिल में याद करता रहे। __ पूजाभावना के दोहे। प्रभुपूजन कुं मैं चला, घसि चंदन घनसार। नव अंगे पूजा करी, सफल करूं अवतार // 1 // पांच कोडी के फूल से, पाया देश अढार / कुमारपाल राजा हुआ, वरता जय जयकार // 2 // तीर्थंकर को पूजते, उत्कृष्ट परिणाम / पाया है कइ जोवने, स्वर्ग मोक्ष के धाम // 3 // समकित को अजुआलवा, उत्तम यही उपाय / पूजा से तुम जाणजो, मन वछित सुख भाय // 4 // पूजा कुगति की अर्गला, पुण्य सरोवर पाल / मोक्षगति की प्रियसखी, देवे मंगलमाल // 5 // जिन दर्शन पूजा विना, दिन जितने ही जाय / निष्फल वे सब जाणजो, अरु जन्म अकारथ जाय // 6 //