________________ श्रीजैनशान-गुणसंग्रह जैनधर्मकी महत्ता पर स्तवन (तर्ज-कमली वाले ने) सप धर्मों में यह आला है, आला है जैन निराला है। सब चुन चुन कर लेय रहे, तत्त्वों का यहीं मसाला है // 0 // ऐसे हैं जिनवर देव जिन्हें, नहीं पक्षपात से चारा है। आठों कर्मों को दूर किया, शिवपुर में घर कर डाला है ।सब० // 1 // गुरु जैनी हैं सत्यवादी ये, नहीं पाप पथिक यारागी है। कंचन कामिनी को त्याग सदा, महा पांच व्रतों को पाला है ।।सव०॥२॥ नहीं दुर्गति में गिरने देवे, सद् रस्ता धर्म बताता यह / सम्यक् दर्शन और ज्ञान क्रिया से, 'धीरज' जैन उजाला है ।सब०॥शा