________________ 272 3 स्तवनसंग्रह . तात सिद्धारथ राया रे, माता त्रिशलाना प्रभु जाया रे।। कांचनवरणी छे जस काया। वाला० // 1 // . . बालपणाथी छो बलधारी रे, परण्या यशोदा नारी रे। रह्या तीस वरस घरबारी / वाला // 2 // लेइ संजम वनमां वसिया रे, बार वरस लगे तप रसियारे, पाम्या केवल भवदुख खसिया / वाला०॥ प्रभु०॥३॥ प्रभु तार्या मेघकुमारा रे, का चंडकोशिक उद्धारा रे। तारो मुजने प्रभु हितकारी / वाला० // 4 // शरणे आव्यो प्रभु ताहरे रे, चरणकमल वंदू तुमारे रे, सौभाग्यविजय दिल प्यारे। वाला० // प्रभु० // 5 // श्रीमहावीरस्तवन मने तो मलियो मारो नाथ, पूरवना पुण्य प्रभावे रे / ___ मने तो मलियो० // प्रीति अनादिनी, भूली गया छो स्वामी। . हवे नहीं छोड़ें तारो साथ, नही छोडु कदापि रे। मने तो मलियो० // 1 // काल अनादिनो, हुं रखडं छु प्रभु जी, भ्रमण करु छु गति चार, दुख बहु तेथी पासु रे / . मने तो मलियो० // 2 // हवे तुमे मलिया स्वामी, दुःख अमारं कापो।