________________ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 177 मुडदे को स्पर्श न किया हो और बिलकुल निराला रहा हो.यहां तक कि श्मशान का धुंआ तक न लगा हो तो स्नान करने पर शुद्ध है। खांधिये के सिवा दूसरा कोई मुर्दे का स्पर्श करे तो सोलह पहर पूजा पडिकमणादि नहीं कर सकता। जिस के घर जन्म या मरण हुआ हो वहां भोजन करने वाले दिन 12 तक पूजा नहीं कर सकते। वेष बदलने वाले याने मरने की खबर सुन स्नान कर के कपडे बदलने वालों को 8 पहर का सूतक लगता है। ... बच्चा जन्मे उसी दिन मर जाय अथवा विदेश में मरण हो तो दिन 1 का सूतक, तथा साधु यति मरे तो भी दिन 1 का सूतक है। 8 वर्ष तक की उमर का बालक मरे तो दिन 8 का सूतक है, परंतु जो बच्चा दूधमुंहा हो अनाज न खाता हो तो सिर्फ 3 दिन का सूतक है / 8 वर्ष के ऊपर हो तो दिन 12 गिने जाते हैं। . . . - गाय भैस आदि मर जाय तो उनका कलेवर घर से बाहर ले जाने के बाद 1 दिन का सूतक और किसी दूसरे पशु पंखी का कलेवर पडा हो तो वह जब तक न हटाया जाय तब तक सूतक लगता है वहां से बाहर ले जाने के बाद नहीं। - कोई दास दासी अपने घर में गुजर जाय तो सिर्फ तीन दिन का सूतक माना गया है। ...