________________ शकुनसूक्तानि * अपशकुन मइलकुचेले अभंगिएलए साण-खुज-वडभेय / एए उ अप्पसत्था, हवंति खित्ताउ निताणं // 13 // नारी पीवरगब्भा, बहुकुमारी य कट्ठभारो य / कासायवत्थ- कुच्चं-धरा य कज्जं न साहंति // 14 // . सुशुकन नंदी तूरं पुण्णस्स दंसणं संख-पडहसदो अ। भिंगार-छत्त-चामर-धय-पडागा पसत्थाई // 15 // समणं संजयं दंतं, सुमणं मोयगा दहिं / मीणं घंटे पडागं च, सिद्धमत्थं विआगरे // 16 // दर्शन-चेष्टा-स्वरगति-भक्ष्य-ग्रहणेषु अधिकं अधिकं / स्यात् / क्रमशो फलमेतेषां, समुदायः सकलफलहेतुः // 17 // प्रस्थाने छिंक विचार वामा क्षेमा लाभम्मि, दाहिणा पच्छिमा नियत्तइ / निलाइडया यच्छिक्का, कयंपि कज्ज विणासेइ // 18 // __ दुर्गानुं शुभाशुभ शुकन गतिस्तारा स्वरो वामो, दुर्गायाः शुभदः स्मृतः / विपरीतः प्रवेशेषु, स एवाभीष्टदायकः // 19 // अत्यंत अशुभ शुकन अङ्गारभस्मेन्धनरज्जुपङ्कः, पिण्याककसितुषास्थिकेशाः। कृष्णावयवावस्करकृष्णधान्य-पाषाणविष्टाभुजगोषधानि // 20 //