________________ 302 सुभाषितसूक्तरत्नमाला घम्मा वंसा सेला, अंजणा रिट्ठा मघा य माधवई। नामेहि पुढवीओ, छत्ताईच्छत्तसंठाणा // 2 // नारकीमां लेश्याओ, काऊ दोमु तइयाए, मीसिया नीलिया चउत्थिए / पंचमियाए मीसा, कण्ह ततो परमकण्हा // 3 // नारकोमा नरकावासानी संख्या तीसा य पणवीसा, पण्णरस दस चेव सयसहस्साई / तिनि य पंचूणेगं, पंचेच अणुत्तरा निरया // 4 // 134 द्वादशदेवलोकाभिधानसूचकसूक्ते कप्पोपगा बारसहा सोहमीसाणगा तहा। सणंकुमारा माहिंदा बंभलोगा य लंतंगा // 1 // महासुक्का सहस्सारा, आणया पाणया तहा / आरणा अच्चुया चेव, इइ कप्पोवगा सुरा // 2 // नव लोकान्तिकना नाम ते च सारस्वतादित्या, वन्हयो वरुणा अपि / गर्दतोयाश्च तुषिताऽव्याबाधा वाय्वरिष्टकाः // 3 // 135 मार्गानुसारिगुणसूक्तानि न्यायसम्पन्नविभवः, शिष्टाचारमशंसकः / कुलशीलसमैः सार्द्ध, कृतोद्वाहोऽन्यगोत्रजैः // 1 //