________________ 35. 34. अंबिका अपने वैशिष्टपुर्ण धम्मिल्ला के साथ, अलंकृत लटों तथा केशों के साथ, भाल्कि. तीर्थंकर की अद्वितीय प्रतिमा जिसका हाल में पुलिगेरे में पता लगाया गया है। और ऐसा माना जाता है कि यह आनेसेज्जया बसदी की मुलनायक की प्रतिमा है जिसे 8 वीं सदी में राजकुमारी कुमकुम द्वारा बनवाया गया था। 36. प्राचीन विद्यमान स्वतंत्र पार्श्वनाथ पाँच फनों वाले छत्र की प्रतिमा, 8 वीं सदी, मल्लसमुद्र, (गदग जिला) 37. हाल ही में खोजी गई जिन की प्रतिमा, पुलिगेरे, गदग म्युजियम. . 38. पुनर्निमित लजैन मंदिर,पुलिगेरे, (लक्ष्मेश्वर) 39. अपनी प्रभूता से युक्त अंबिका, होम्बुज (शिमोगा- जिला) .. 40. जिन पार्श्व की प्रातिमा, सातवीं सदी का उत्तरार्ध तथा 8 वीं सदी का पूर्वार्ध, . गधि केशवार (गुलबर्गा- जिला) . . 41. पार्श्व, पद्मावती, धरणेन्द्र तथा कमठ,कलगुमलाइ, (तमिलनाडु) 8 वीं सदी (सौजन्य-शिवराममुर्थि, जैन कला क चित्रमाला) 42. ऋषभ की अद्वितीय प्रतिमा (आदिनाथ) छठी सदी के अंतिम दो दशक, गुंडापुर, बनवासी। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org