________________ 72 धार्मिक-वहीवट विचार एम. सी.वाली बहनें भी श्राविकाएँ हैं / उन्हें आशातनाका ख्याल है / अतः उन दिनोंमें वे पूरी सावधानी रखे तो, घरदेरासर करने में कोई आशातना न रहे / _ ऐसा कहनेवाले कई लोग घरमें देरासर करनेके प्रति अरुचि रखते हैं / उसके लिए उन्हें आशातनाका बहाना मिल जाता है / इस प्रकार घरमें भगवानका प्रवेश ही न हो पाये, यह क्या भगवानकी सबसे बडी आशातना नहीं ? घरमें सभी रह सके,केवल भगवान ही नहीं, अरेरेरे..... शायद कभी देरासरमें एम. सी. वाली स्त्री गलतीसे भी जा पहँचे. तो उसका निवारण है ? देरासरको दूधसे धोया जाय और गुरुके पास प्रायश्चित्त करें / इस प्रकार दोषनिवारण होता है / और परमात्माकी पूजा आदिके कई लाभ प्राप्त होते रहे / घरदेरासर हो तो, घरके सभी छोटे-बडे परमात्माकी पूजा, आरती, भावना आदि कर सके / दूरके देरासरमें सुबहके स्कूलवाले बच्चे, रविवारको भी मुसीबतसे जा पाते हैं / . घरदेरासरके अपार लाभोंको ध्यानमें रख, एम. सी.की आशातनाके बारेमें सावध रहकर, देरासर तो बनना ही चाहिए / नयी पीढीकी संतानोंको पश्चिमके खराब वातावरणसे बचानेका एक मात्र रास्ता है : "घरदेरासरमें उन सर्वकी जिनपूजा" / प्रश्न : (29) घरदेरासर बनानेमें किन सावधानियोंका ध्यान रखा जाय ? उत्तर :- (1) घरके किसी भी सभ्यकी राशि पर जो परमात्मा आते हो, उन्हें मूलनायकके रूपमें बिराजमान करे / (2) सामान्यतया पंचधातु आदि (पाषाणके अलावा) 11 ईंच तकके प्रभु होने चाहिए। (3) परमात्माके मुखके समक्ष, दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा सामान्यतः होनी चाहिए / (4) परमात्माको जिस स्थान पर गद्दीनशीन किये हो उसके उपरके मजले पर किसीका पदस्पर्श होना नहीं चाहिए / नीचे या पासमें संडास या उसकी पाइपलाईन गुजरती न हो / (5) देरासरके भागमें कोई भी सांसारिककाम नहीं करना चाहिए / (6) आखिरमें एक आलमारी बनानी चाहिए / उसे