________________ चौदह क्षेत्रों से संबद्ध प्रश्नोत्तरी उत्तर : घरके अंदर यदि देरासर हो तो उसमें पंचधातुकी ग्यारह इंच तकके प्रतिमा रखी जाय / किन्तु पाषाणकी न रखे / घरसे अलगपरिसरमें संघके लिए संघदेरासर बनाया जाय तो उसमें एकी संख्याकी पाषाणकी प्रतिमा रख सकते है / ___ कई लोग कहते है कि घरदेरासरमें भी 11 ईंच तकके पाषाणकी प्रतिमा रख सकते हैं / ऐसा कहीं कहीं द्रष्टिगोचर होता भी है / कहीं तो घरके अंदर आये घर देरासरमें 11 ईंचसे भी बडे-बहुत बडे - 31 ईंच ऊँचाईवाले भी पाषाणके भगवान भी द्रष्टिगोचर हुए हैं / (अहमदाबादमें) लेकिन वो अपवादस्वरूप है / प्रश्न : (24) घरदेरासरकी भंडारादिकी आमदनीको घरदेरासरकी सामग्री खरीदने में उपयोगमें लायी जा सकती है ? उत्तर : नहीं, बिल्कुल नहीं / स्वद्रव्यसे लानी चाहिए / भंडारादिकी आमदानीको, जहाँ शास्त्राज्ञा अनुसार संचालन होता हो और देवद्रव्यकी संग्रहवृत्ति होती न हो ऐसे संघ देरासरमें ही जमा करानी चाहिए / प्रश्न : (25) घरदेरासरमें अर्पित चावल, बादाम आदिकी व्यवस्था क्या करें ? उत्तर : उसकी बिक्री करके संघ- देरासरमें उस रकमको जमा कराये अथवा चावल आदिको संघदेरासरमें भिजवा दें / उन्हीं समर्पित हुए चावल, बादाम आदि पदार्थो द्वारा अथवा उसकी बिक्रीसे प्राप्त द्रव्यसे संघदेरासरमें, घरका मालिक अक्षत पुष्पादि किसी भी प्रकारकी पूजा नहीं कर सकता / ऐसा करने पर उसे जूठा यश प्राप्त हो कि वाह ! भाई कितने बडे उदार हैं कि देरासरमें अक्षतादिसे पूजा करनेके बाद पुनः बडे देरासरमें भी नये अक्षतादिसे पूजा करते है / इससे जूठा यश प्राप्त होनेका दोष लगता है, ऐसा 'द्रव्यसप्ततिका' ग्रन्थमें कहा है / यहाँ देवद्रव्यके भक्षणका दोष लगता है एसा नहीं कहा / प्रश्न : (26) देवद्रव्यकी उछामनी पर थोडा-सा सरचार्ज रखकर और उस रकमको साधारण खातेमें ली जाय, तो इस तरह साधारण खातेके घाटेको दूर किया न जाय ? उत्तर : बैंकमें जमा देवद्रव्यको रकम पर प्राप्त होनेवाले सूदको जैसे