________________ चौदह क्षेत्रोंका विवरण श्राविकाओंके लिए ही मर्यादित न रखा हो तो / प्रत्येक संघको चाहिए कि वह साधारण खाता और शुभखाता अवश्य रखे / वे उसके लिए हितावह हैं / ___ साधारण अर्थात् उस खातेकी रकम केवल सात क्षेत्रोंमें ही उपयोगमें लायी जाय / उपरान्त आयंबील खातादि पाँच खाते भी श्रावक-श्राविकाके विभागमें समाविष्ट होते हैं, अतः उनमें भी उपयोग किया जा सकता है / __ जबकि शुभ खातेमें सातके साथ दूसरे- उपाश्रय, आयंबिल शाला, पाठशाला, अनुकंपा, जीवदया आदि सात खातोंका समावेश भी होता है / इस प्रकार चौदह खातोंमें इस रकमका उपयोग किया जाय / ___ इस शुभ खाते को (सर्वसाधारण) धार्मिक खाता भी कहा जा सकता है / अत: लग्नादिकी बाडी, गद्दे, बरतन आदिमें इस रकमका उपयोग किया नहीं जा सकता / स्कूल, कालिज, अस्पताल आदिमें भी दिया न जाय / क्योंकि वहाँका शिक्षण और तालीम आर्यावर्तकी संस्कृतिके भंजक हैं / आजका तथाकथित शिक्षण धर्महीन है / अस्पतालोंकी औषधियाँ-दवाइयाँ बहुधा पशुहिंसा, मानवहिंसा आदि पर आधारित हैं / महाहिंसा, महाअनर्थ आदिके पोषक कार्यों में दान करना शास्त्रनिषिद्ध है ।अत एव श्रावक लोग सूखा (दुष्काल) आदि विशेष कारणोंके अलावा, सामान्य संयोगोंमें वाव, कूओं, तालाब आदिके कार्य नहीं कर सकते / पौषधशाला (उपाश्रय) (8) . सात धार्मिक क्षेत्रोंका मिलाजुला एक क्षेत्र उसे साधारण क्षेत्र कहा जाता है। चौदह धार्मिक क्षेत्रोंका बना क्षेत्र शुभखाता(सर्वसाधारणक्षेत्र)के नाम प्रसिद्ध है जिसे धार्मिक खाता भी कहा जाता है / इसमें पूर्वोक्त जिनप्रतिमा आदि सात क्षेत्रोंका . समावेश होता. है : (8) पौषधशाला (उपाश्रय) (9) पाठशाला (10) आयंबिल खाता (11) कालकृत (12) निश्राकृत (13) अनुकंपा (14) जीवदया