________________ धार्मिक-वहीवट विचार प्राप्त करें / ) (2) उसमें चौदह क्षेत्रोंके संचालनकी नीति-रीति स्पष्ट रूपसे निर्दिष्ट कर, (इस पुस्तकमें उस विषयका समावेश किया गया है / ) उसीके अनुसार ट्रस्टीलोग संचालन करें / उसके विरुद्ध होकर सर्वानुमत या भारी बहुमतसे भी कोई निर्णय न ले सके, ऐसा स्पष्ट आदेश उल्लिखित होना चाहिए / (3) ट्रस्टी होनेके लिए चुनाव प्रथाके स्थान पर पूवोक्त दो प्रथाओंमेंसे किसी एक प्रथा निश्चित करें / ट्रस्टियोंकी संख्या जो शास्त्रीय नीति-नियमोंके ज्ञाता हैं और सख्त काम करनेके लिए तत्पर हों, उन्हें ही ट्रस्टीके रूपमें नियुक्त करने चाहिए / अमीरी, सत्ता या दानमें दी गयी भारी रकम, ये सारी बातें ट्रस्टी होनेकी योग्यता न हो / ट्रस्टी यथाशक्य थोडी संख्यामें हों / अधिक ट्रस्टी ज्यादा नुकसान करते हैं / व्यर्थकी माथापच्ची करते हैं / : ट्रस्टी बनानेकी संख्याकी व्यवस्था भले ही इक्कीस तककी रखी जाय, परन्तु ट्रस्टी तो 3, 5 या 7 ही रखें / बादमें योग्य व्यक्ति मिलने पर ही समावेश करें / एकी रकमका ट्रस्टीगण, टाई (समान मत प्राप्त हो) आ पडे तब प्रमुखका निर्णायक (कास्टिंग) मत, कोरम आदि बाबतोंकी जानकारी किसी ज्ञाताके पाससे समझ लें / प्रत्येक ट्रस्टमें अनुशासक करनेवाले आचार्य को मार्गदर्शक रूपमें स्वीकृत करें / जिससे शास्त्रविरुद्ध कोई भी काम कभी भी होता हो तो रोक पाये / वे 'ऐसा करो', वैसा न कहे, लेकिन 'एसा न करो, यह शास्त्रविरुद्ध है' ऐसा जरूर सूचित करें / आचार्यके एसे सूचन पर ट्रस्टीलोग गंभीरतासे ध्यान दें /