________________ चौदह क्षेत्रोंसे संबद्ध प्रश्नोत्तरी 125 (गरीबीसर्जक).उद्योग (प्रदूषणप्रवर्तक) कृषिमें फर्टिलाईजर, जंतुनाशक दवाईयाँ (मृत्युजनक) पाताल.ए (जलभंडारके शोषक) बंध (बारहमासी नदियोंके प्रवाहका विनाश) आदिका सर्जन किया / इसके फलस्वरूप भारतमें पैंतालिस करोड लोग गरीब ही नहीं, किन्तु भिखारी बने हैं / सौ दो सौ बीघोंकी जमीनके मालिक सह परिवार मुठ्ठीभर अनाजके लिए बम्बई जैसे महानगरोमें फूटपाथों पर झोंपड़े बनाकर बैठे हैं / अति भयानक बीमारियाँ फैली हैं / तंदुरस्ती नामशेष बनी है / प्रजाजीवनके आधारभूत पशुओंकी हालतका तो वर्णन ही नहीं हो सकता / ऐसी भयानक और विराट गरीबी और भूखमरी चालू ही रहे बनी रहे, उसमें उन क्रूर गोरे विदेशियोंको दिलचस्पी है / यह काम लगातार चलता रहे उसके लिए उन लोगोंने भारतीय प्रजाके लाखों लोगोंको अपने ढंगकी मेकोली सूचित शिक्षा देकर देशी-गोरे (विदेशियोंके खुशामतखोर, उनके हितार्थ काम करनेवाले भयंकर देशद्रोही) पैदाकर काममें लगा दिये है / इस प्रकार एक और भयंकर गरीबी बढ़े और उसे रोकनेके लिए कोई कुछ सोचे ही नहीं और केवल 5-50 सदाव्रत चालू कर चूप बैठे रहे तो यह काम उस क्रूर कार्यको न रोकनेके रूपमें गरीबी आदिको उत्तेजन देनेवाला न होगा ? . देशी - विदेशी गोरोंकी भी यही इच्छा है कि गरीबी, भूखमरी, बीमारीको पैदा करनेके लिए धंसती हमारी दोसौ कि. मी.की तेज रफ्तारवाली ट्रेईनको तुम रोको नहीं / पटरियाँ पर चौड़े सो न जाओ / तुम सदाव्रतोंजनता अस्पतालों, आदिवासी कल्याणोंकी प्रवृत्तिमें रचनात्मक (खूब आकण्ठमग्न) बने रहो / दोसौ कि. मि.की तेज रफ्तारवाली विध्वंसात्मक कार्यकी एक ट्रेन और चौदहवीं सदीका ठीचूक.:. ठीचूक.... आवाज करनेवाली चींटीके वेगसे आगे बढती हुई रचनात्मक कामकी बैलगाडी ! क्या करेगी. यह बैलगाडी ? उस ट्रेईनको ग्रीन सिग्नल देनेका काम करेगी न ? यही खतरनाक बात है / बचीखुची मानवशक्तियाँ पटरियाँ पर चौडी होकर ट्रेईनको रोक पायेगी क्या ? वह बैठ गयी बैलगाडीमें ! बैलगाडीकी भेंट दी देशी-विदेशी