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________________ वैशाली में भगवान महावीर मन्दिर का शिलान्यास समारोह सम्पन्न दिनांक 4 नवम्बर, 2004, वैशाली-बासोकुण्ड / अन्तिम तीर्थंकर भगवान महावीर की पावन जन्मभूमि बासोकुण्ड-वैशाली में बनने वाले भव्य जिनालय का शिलान्यास दिल्ली के प्रसिद्ध श्रेष्ठी श्री सुरेन्द्र कुमार जैन जौहरी के सुपुत्र श्री अर्जुन जैन एवं उनके परिवारजनों के शुभ हस्तों से विधिविधानपूर्वक सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मन्त्री डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपने प्रभावी उद्बोधन में वेद, पुराण, साहित्य एवं धर्मग्रन्थों के उद्धरण देकर बासोकुण्ड स्थित अहल्य भूमि को भगवान महावीर की जन्मभूमि सिद्ध करते हुए भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा लगाए गए पावन शिलापट्ट का उल्लेख किया। आज आतंकवाद का मुकाबला भगवान महावीर के अहिंसा के सिद्धान्त को अपनाकर ही किया जा सकता है। आपने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने भगवान महावीर के सिद्धान्तों पर चलकर ही देश को आजाद कराया और मोहनदास कर्मचन्द गाँधी से महात्मा गाँधी बन गए। आपने जैन समाज से अनुरोध किया और कहा- भव्य मन्दिर के निर्माण के साथ-साथ समाज को लोकोपयोगी शैक्षणिक कार्य हाथ में लेकर स्थानीय लोगों को लाभान्वित करने की दिशा में सजगतापूर्वक प्रयत्न करना चाहिए। आपने प्राकृत विद्यापीठ को शीघ्र ही मानित विश्वविद्यालय बनाने की पहल करने की चर्चा की। , तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष श्री एन.के. सेठी (जयपुर). ने भगवान महावीर जन्मभूमि पर बनने वाले विशाल जिन मन्दिर के निर्माण की योजना पर विस्तार से प्रकाश डाला और भगवान महावीर के लोक कल्याणकारी सन्देश एवं बहुप्रतिक्षित जिनमन्दिर के निर्माण को द्रुत गति से पूर्ण करने की आशा व्यक्त की। जैनकाशी के रूप में विख्यात मूडबिद्री के भट्टारक स्वस्तिश्री चारुकीर्तिजी के मंगल सान्निध्य में एवं मार्गदर्शन में विधि-विधानपूर्वक शिलान्यास विधि सम्पन्न हुई, उन्होंने अपने उद्बोधन में सन्तों के मन्दिर निर्माण हेतु प्राप्त आशीर्वाद का उल्लेख करते हुए विशाल मन्दिर के निर्माण कार्य को शीघ्र सम्पन्न होने की कामना की और इस कार्य में लगे कार्यकर्ताओं को अपना मंगल आशीर्वाद प्रदान किया। समारोह प्रातः 8 बजे प्राकृत शोध संस्थान के प्रांगण से निकाली गई भव्य शोभा यात्रा के साथ प्रारम्भ हुआ। अहल्य भूमि पर दिल्ली के ही श्री नरेन्द्र कुमार जैन एवं उनके परिवार द्वारा ध्वजारोहण किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ दिल्ली से पधारे श्री प्रदीप जैन के मंगलाचरण से हुआ। सभा का संचालन श्री सतीश जैन (आकाशवाणी) दिल्ली ने किया। सम्पूर्ण विधि विधान जयपुर से पधारे पं. निर्मल कुमार बोहरा द्वारा किया गया। छात्र-छात्राओं द्वारा मनमोहक लोक-नृत्य एवं भजन प्रस्तुत किए गए। श्री कैलाश चन्द्र पाण्डिया पटना ने उपस्थित समुदाय एवं प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग प्रदान करनेवालों महानुभावों के प्रति आभार व्यक्त किया। 21400 प्राकृतविद्या-जनवरी-दिसम्बर (संयुक्तांक) '2004
SR No.004377
Book TitlePrakrit Vidya Samadhi Visheshank
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKundkund Bharti Trust
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2004
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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