________________ 68 . . मृत्यु की दस्तक जन्म और मृत्यु का यह चक्र सदा-सर्वदा के लिए कभी नहीं रुकता। आगमशास्त्र के. अनुसार परमेश्वर पंचकृत्यकारी है। वह सृष्टि, स्थिति, संहार, निग्रह और अनुग्रह नामक पाँच कार्यों को निरन्तर करता रहता है। किसी एक जीव के मुक्त हो जाने पर उसके प्रति ईश्वर की पंचकृत्यकारिता समाप्त हो जाती है, किन्तु अन्य समस्त प्राणियों के प्रति यह निरन्तर चलती रहती है। जन्म और मृत्यु का समावेश भी इन्हीं में किया गया है, किन्तु सेमेटिक धर्मो की मान्यता है कि एक दिन यह सब सदा-सर्वदा के लिए अपने आप समाप्त हो जायेगा।