________________ प्रो. बैद्यनाथ सरस्वती चार दशकों से एक माने हुए मानव-विज्ञान-शास्त्री हैं जिन्होंने पारम्परिक विचारधारा और आधुनिक विज्ञान के सम्पर्क पर चिन्तन-मनन करके आधुनिक युग में हिन्दू विचारधारा की समीक्षा की है। हिन्दू धर्म के मिश्रित सूत्रों से एक संयोजित सूत्र को निकालने के उनके इस प्रयास से बहुत लोग परिचित हैं। उनकी रची हुई पुस्तकें - ब्राह्मणिक रिचुअल ट्रेडिशन्स्; काशी - मिथ एण्ड रियलिटी; स्पेक्ट्रम ऑफ द सेक्रेड; द इटर्नल हिन्दुइज्म, एवं कल्चर्स एण्ड कॉस्मोस् - विशेष उल्लेखनीय हैं। श्री. रामलखन मौर्य एक समाजशास्त्री हैं जिन्होंने काशी की विधवाओं तथा हरिजनों का तथा इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र एवं यूनेस्को की ग्रामीण भारत के अध्ययन की परियोजना के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कई गांवों का अध्ययन किया। आपने कई निबन्ध भी लिखे हैं। आप निर्मल कुमार बोस स्मारक प्रतिष्ठान, वाराणसी के मंत्री, तथा सेक्रेड साईंस रिव्यू के प्रबन्ध सम्पादक हैं। 2005, vii,208p.; Index;23 cm. ISBN 81-246-0314-6 (Hardbound) Rs.300 US$15.00