________________ अनुक्रमणिका 207 111 विष्णु और महेश के काल से छोटा है ब्रह्मा का शव, 128 काल, 3 शव-यात्रा, 113 विष्णु का वर्ष, 92 . शवों का ममीकरण, 130 विष्णु पुराण, 7, 80, 112 शांति-पर्व, 127 विष्णु पुराण की यमगीता, 81 शारदा तिलक, 168 विष्णु-रूप, 164 शास्त्री, रामप्रवेश, 13, 187 विष्णुलोक, 131 शाहवलीउल्लाह, 6 विज्ञानभैरव, 66 शुक्राणु के प्रकार, 144 वीरशैव धर्म (लिंगायत सम्प्रदाय), 3. 4 शुद्ध जीव का पुनर्जन्म नहीं होता, 186 वीरशैव धर्म में मृत्यु का विचार, 17 शुभ और अशुभ ग्रह, 9 वृषोत्सर्ग श्राद्धकम, 119 शेखफरीद, 45 वेजिटेटीव लाइफ, 10 शैव, 193 वेद अंशतः पौरुषेय है,.83 श्वेताश्वतरोपनिषद, 76 वेद के चार भाग, 83 श्मशान, 117 वेदांत आत्मा की अमरता को स्वीकार करता है, षोड्स संस्कार, 111 वेदार्थपारिजात, 64 वेबर, मैक्स, 170 . सकयत् (मरणासन्न), 6 वैतरणी, 9 सकरात (मरणासन्न) की अवस्था, 50, 57 वैतरणीदान, 112 सकलकीर्ति, (आचार्य) 27 वैदिक कर्मकाण्ड संसार-सागर की यात्रा में सहायक सदाशिव, 92 __ नहीं हो सकता, 56 सदासुखदास, 27 वैदिक परम्परा के अनुसार मृत्यु, 97 . सनातन और पुरातन, 12 वैवस्वत देव; अर्थात् धर्मराज, 7, 64, 67 सनातन धर्म, 111, 116 व्यासभाष्य, 145 सनातन (हिन्दू), धर्मशास्त्र 111 संत शांत भाव से मृत्यु का वरण करते है, 130 शतपथ ब्राह्मण, 71, 72, 117 संथारा, 26 शनि, 100 संथारा अथवा सल्लेखना, 4 शमी वृक्ष, 117 संवत्सरो मृत्युः, 6, 71 शरीर और आत्मा एक ही सिक्के के दो पहलू,129 संसार अनादि प्रवाह रूप, 17 शरीर को त्यागना है मृत्यु, 98 संहिता, 83 शरीर को धारण करना है जन्म, 98 सपिण्डीकरण, 9 शरीर को मरणधर्मा कहा गया, 75 समाधिमरण, 4, 26, 27, 29 शरीर त्याग के तीन भेद, 26 समाधिमरण का नियम दो प्रकार से, 28 शरीर से अलग आत्मा का अस्तित्व नहीं है, 129 सल्लेखना आत्महत्या नहीं है, 32 शरीर से अलग किसी चैतन्य आत्मा का प्रमाण सल्लेखना का अर्थ, 31 कहीं, 130 सल्लेखना का काल, 31 शरीर से आत्मा का वियोग ही मृत्यु, 75 सल्लेखना के दो भेद, 36 शरीर से आत्मा का संयोग ही जन्म, 75 सल्लेखना के लिए, छ: प्रकार के तप, 36 शरीर से आत्मा भिन्न, 129 -