________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विमाणे - चरणकरणपरूवणां श्राघविजइ, से तं समवाए. 6 // 4 // सू० 35 // से किं तं विवाहे ? विवाहे णं जीवा विवाहिज्जंति, अजीवा विवाहिज्जंति, जीवाजीवा विवाहिज्जति ससमए विवाहिजति, परस्मए वियाहिजति, ससमयपरसमए वियाहिज्जति लोए विवाहिजति, अलोए विवाहिजति, लोपालोए विवाहिज्जंति, 1 / विवाहस्स णं परित्ता वायणा संखिजा अणुयोगदारा संखिजा वेढा संखिजा सिलोगा संखिजायो निज्जुत्तीयो संखिजायो पडिवत्तीयो संखजायो संगहणीयो 2 / से णं अंगठ्ठयाए पंचमे अंगे एगे सुअखंधे एंगे साइरेगे अज्झयण,सए दस उद्दे सगसहस्साई दस समुद्दे सगसहस्माइं छत्तीसं वागरण सहरसाई दोलखा हासीइं पयसहरसाई पयग्गेणं 3 / संखिजा अक्खरा अणंता गमा अणंता पजवा परित्ता तसा अणंता थावरा सामयकडनिबद्धानेकाइया जिणपन्नता भावा आघविज्जति पनविनंति परूवि जंति देसिज्जंति निदंसिज्जति उवदंसिज्जति 4 / से एवं श्राप से एवं नाया से एवं विनाया सेवं ए चरणकरणपख्वणा आपविजइ 5 / से तं विवाहे 6 // 5 // सू. 36 // से किं तं नायाधम्मकहायो ? नायाधम्मकहासु णं नाया नगराई उजाणाई चेझ्याई वणसंडाई समोसरणाई रायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्नकहायो इहलोइयपरलोइया इड्डिविसेसा भोगपरिचाया पवजायो परिपाया सुअपरिग्गहा तवोवहाणाई संलेह. णायो भत्तपञ्चक्खाणाई पाओवगमणाई देवलोगगमणाई सुकुलपञ्चायाईयो श्र पुणबोहिलाभा अंतकिरियायो अाघविज्जति 1 / नायाधम्मकहाणं दस धम्मकहाणं वग्गा, तत्थ णं एगमेगाए धम्मकहाए पंच पंच अक्खाइग्रासयाई एगमेगाए अक्खाइपाए पंच पंच उवक्खाइयासयाई एगमेगाए उवक्खाइपाए पंच पंच अक्खाइग्राउबक्खाइपासयाई एवमेव सपुब्वावरेणं अद्भुट्टायो कहाणगकोडीयो हवंति ति समक्खायं 2 /