________________ 54 ] [श्रीमदागमसुधासिन्धुः / त्रयोदशमी विभागः अकयए कप्पे / होइ अभोज भाणे जत्थ व सुद्धेऽवि तं पडियं // 116 // वंतुचारसरिच्छं कम्मं सोउमवि कोवियो भीओ / परिहरइ सावि य दुहा विहियविहीए य परिहरणा // 117 // सालीयोश्रणहत्थं 8 भणई कोवियो देति / कत्तोचउत्ति साली ? वणि जाणइ पुन्छ तं गंतु // 118 // गंतूण श्रावणं सो वाणियगं पुच्छए कयो साली ? / पञ्चंते मगहाए गोबरगामो तहिं वयइ // 11 // कम्मासंकाएँ पहं मोतु कंटाहिसावया अदिसि / छायपि विवज्जयंतो डभइ उराहेण मुच्चाई // 20 // इय अविही-परिहरणा नागाईणं न होइ अाभागी। दबकुलदेसभावे विहिपरिहरणा इमा तत्य // 201 // योयण-समिइममत्तुग-कुम्मालाई उ होंति दवाई / बहुजणमप्पजणं वा कुलं तु देसो सुरट्ठाई // 202 // पायारऽणायर भावे सयं व अन्नेण वाऽवि दावणया / एएसि तु पयाणं चउपयतिपया व भरणा उ // 203 // अणुचियदेसं द(स)व्वं कुलमप्पं थायरो य तो पुच्छा / बहुएवि नत्थि पुच्छा सदेसदविए अभावेऽवि // 204 // तुज्झट्ठाए कयमिण-मन्नोऽन्नमवेक्खए य सविलक्खं / वज्जति गाढरट्टा का मे तत्तित्ति वा गिराहे // 205 // गूढायारा न करेंति श्रायरं पुच्छियावि न कहेंति / थोवंति व नो पुट्टा तं च असुद्धं कहं तत्थ ? // 206 // श्राहाकम्मपरिणयों फासुयभोईवि बंधयो होइ / सुद्धं गवेसमाणो आहाफम्मेवि सो सुद्धो // 207 // संघुद्दिटुं सोउं एइ दुयं कोइ भोइए पत्तो / दिन्नंति देहि मज्झतिगाउ साउं तो लग्गो॥ 208 // मासियपारणगट्ठा गमणं श्रासन्नगामगे खमगे / सही पायसकरणं कयाइ अज्जेजिही खमयो // 201 // खल्लगमलग-लेच्छारियाणि डिंभग-निभच्छ रुंटणया / हंदि समणत्ति पायस घयगुलजुय-जावणट्ठाए // 210 // एगंतमवक्कमणं जइ साहू इज होज तिनोमि / तणुकोट्ठमि अमुच्छा भुत्तंमि य केवलं नाणं // 211 // चंदोदयं च सूरोदयं च रन्नो उ दोनि उजाणा / तेसिं विवरि