________________ श्रीमदुत्तराध्ययनसूत्रम् / अध्ययनं 36 ) [ 17 वि य // 41 // फारयो लुक्खए जे उ, भइए से उ वराणो। गंधयो रस पो चे, भार संठाण योऽवि य // 42 // परिमंडलसंठाणे, भइए से उ रागयो / गन्धयो रसयो चेव, भइए फासोऽवि य // 43 // संगणयो भवे वट्टे, भइए से उ वराणयो / गन्धयो रसश्रो चेव, भइए फासयोऽवि य // 44 // संगणयो भवे तंसे, भइए से उ वराणया / गन्धयो रसयो चेव, भाए फासयोऽधि य // 45 // संगणयो य चउरंसे भइए से उ वगणयो / गंधयो रसयो चेव, भइए फासयोऽवि य // 46 // जे श्राययसंठाणे, भइए से उ वराणयो। गंधयो रसयो चेव, भइए फासोऽविय // 47 // एसा अजीवविभत्ति, समासेण वियाहिया / इत्तो जीव विभत्ति, बुच्छामि अणुपुरसो।। 18 / संसारत्या यसिद्धाय, दुविहा जीवा वियाहिया (भवन्ति)। सिद्धा णेगविहा वुत्ता, तं (तत्थाणेगविहा सिद्धा, ते) मे कित्तययो सुण // 4 // इत्थी पुरिससिद्धा य, तहेव य नपुंसगा। सलिंगे अन्नलिंगे य, गिहिलिंगे तहेव य // 50 // उकोसोगाहणाए य, जहन्नमज्झिमाइ य / उड्डे अहे य तिरियं च, समुद्दम्मि जलम्मि य // 51 // दस य नपुंसएसु, वीसं इत्थियासु य / पुरिसेसु य अट्ठसयं, समएणेगेण सिझई // 52 // चत्तारि य गिहिलिंगे, अन्नलिंगे दसेव य / सलिंगेण य अट्ठसयं, समएणेगेण सिझई // 53 // उक्कोसोगाहणाए उ, सिज्मन्ते जुगवं दुवे / चत्तारि जहनाए, जवमज्मठुत्तरं सयं // 54 // चउरुडलोए य दुवे समुद्दे, तयो जले वीमहे तहेव / मयं च द्रुत्तर तिरियलोर, समएणेगेण उ सिझई धुवं // 55 // कहिं पडिहया सिद्धा ?, कहिं सिद्धा पइट्ठिया ? / कहिं बुन्दि चइत्ताणं ? कत्थ गन्तूण सिझई ? // 56 // अलोए पडिया सिद्धा, लोयग्गे य पइठिया / इहं बुन्दि चइत्ताणं तत्थ गन्तूण सिझई // 57 // बारमहिं जोयणेहिं, सब्वट्ठस्सुवरिं भवे / ईसीपभारनामा उ, पुढवी छत्तसंठिया // 58 // पणयालसय सहस्सा, जोयणाणं तु श्रायया / तावइयं चेव